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MP News: भोपाल के ड्रग्स मामले में नया खुलासा; साबुन बनाने के लिए किराए पर दी थी फैक्ट्री, आरोपियों का इंटरनेशनल मार्केट से कनेक्शन आया सामने

drugs seized in bhopal

भोपाल के बगरोदा इंडस्ट्रियल एरिया से 1814 करोड़ रुपये की ड्रग्स बरामद

MP News: भोपाल के बगरोदा पठार के इंडस्ट्रियल एरिया की एक फैक्ट्री से 1,814 करोड़ रुपये कीमत की 907 किलो मेफेड्रोन ड्रग्स बरामद की गई. गुजरात एटीएस और एनसीबी ने कार्रवाई करते हुए ड्रग्स बरामद की. इस मामले में एनसीबी की टीम ने मंदसौर और भोपाल से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया. जांच एजेंसियां आरोपियों से पूछताछ में जुटी है.

आरोपी ने साबुन बनाने के लिए फैक्ट्री किराए पर दी थी

इस मामले में आरोपियों में से एक एसके सिंह ने पूछताछ में बताया कि उसने फैक्ट्री को किराए पर दिया था. इस फैक्ट्री को 50 हजार रुपये महीने पर किराए से दिया गया था. आरोपी एसके सिंह भारत हेवी इलेक्ट्रिक लिमिटेड का पूर्व कर्मचारी है. भारत हेवी इलेक्ट्रिक लिमिटेड से रिटायर होने के बाद एसके सिंह ने फर्नीचर बनाने के लिए फैक्ट्री खोली थी. जांच एजेंसियों को एस के सिंह ने बताया कि, ‘अमित चतुर्वेदी को साबुन बनाने के लिए फैक्ट्री किराए पर दी थी.’ फैक्ट्री किराए पर देने की सबसे बड़ी वजह एसके सिंह ने बताई कि वो शारीरिक रूप से कमजोर है और उसका बेटा विदेश में पढ़ाई कर रहा है. इस कारण से फैक्ट्री संभालने वाला कोई नहीं है.

मेफेड्रोन जब्ती का मंदसौर कनेक्शन

पुलिस ने मंदसौर से मामले में आरोपी हरीश अंजना को गिरफ्तार किया. हरीश अंजना पर ड्रग्स तस्करी का आरोप है. पुलिस ने आरोपी को न्यायालय में पेश कर 7 दिन की न्यायिक रिमांड पर एनसीबी को सौंप दिया है. आरोपी बीजेपी नेता बताया जा रहा है.

भोपाल से इंटरनेशनल मार्केट तक जुड़े तार

ड्रग्स मामले के तार अब दिल्ली-एनसीआर ड्रग्स गैंग से भी जुड़ रहे हैं. इस गैंग के मास्टरमाइंड पीयूष गोयल को कुछ दिन पहले ही एनसीबी की टीम ने गिरफ्तार किया था. पीयूष गोयल को 5000 करोड़ की ड्रग्स मामले में गिरफ्तार किया गया था. इसके अलावा उनके अन्य साथी जिनका कनेक्शन इंटरनेशनल मार्केट में भी सामने आ रहा है. दुबई और यूनाइटेड किंगडम तक सप्लाई करने का मामला सामने आ रहा है. भोपाल में पिछले 5 महीने से यह लोग किराए से रहकर फैक्ट्री में काम कर रहे थे. कयास लगाए जा रहे हैं कि 500 किलो से अधिक इन्होंने सप्लाई मार्केट में भेज भी दी है. इन्होंने पेस्टिसाइड की कंपनी चलाने के नाम पर यह किराए से ली थी. पुलिस ने मामले में अमित चतुर्वेदी और उसके साथी सान्याल बने को गिरफ्तार किया.

आखिर क्या है मेफेड्रोन ड्रग्स?

सबसे पहले एमडी(मेफेड्रोन) ड्रग्स का उपयोग 1913 में किया गया था. इसका अधिकतर इसका उपयोग युद्ध के समय सैनिकों की शक्ति बढ़ाने के लिए किया जाता था. इसके बाद इसे पेस्टिसाइड के तौर पर किया जाने लगा. फिर धीरे-धीरे इसका लोग नशा करने लगे इस शक्तिवर्धक के रूप में उपयोग किया जाता था पर अब नशे के रूप में उपयोग किया जाने लगा.

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