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MP News: चीफ सेकेट्री तक पहुंची IAS और डॉक्टर पत्नी की शिकायत, एक्टिविस्ट का आरोप- फेफड़ों की रिसर्च के लिए नियमों का किया उल्लंघन

Symbolic picture (Photo- Social Media)

प्रतीकात्मक चित्र (फोटो- सोशल मीडिया)

MP News: मध्यप्रदेश की ऊर्जा राजधानी सिंगरौली जिले में फ्लाई ऐश प्रदूषण की गंभीर समस्या से जूझ रहा है. वर्ष 2023 में भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय ने आदिवासी बहुल जिला सिंगरौली में औद्योगिक प्रदूषण से पीड़ित जनता के स्वास्थ्य विशेषकर फेफड़े परीक्षण के लिए प्रोजेक्ट बनाने हेतु मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सिफारिश की थी. इस मामले की शिकायत अजय दुबे ने मुख्य सचिव वीरा राणा से की है.

मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के तत्कालीन सदस्य सचिव चंद्र मोहन ठाकुर ने पद का दुरुपयोग कर एम्स,भोपाल से दिनांक 9 मई 2023 को MOU कर दिखाकर ,स्वच्छ कार्यप्रणाली के वैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन कर सीधे प्रोजेक्ट सौंपा. इसके लिए विज्ञापन जारी/ऑफर निमंत्रित करने से परहेज किया. यह कथित प्रोजेक्ट जनवरी2024 में समाप्त होना था लेकिन आज भी अपूर्ण है. मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जनवरी 2024 तक एम्स भोपाल की प्रोजेक्ट टीम को इस कथित प्रोजेक्ट के लिए डाटा भी नही दिया जिससे सवाल उठता है कि प्रोजेक्ट टीम ने कैसे शोध किया. आरटीआई एक्टिविस्ट ने शिकायत में कहा है कि बोर्ड के तत्कालीन सदस्य सचिव चंद्रमोहन ठाकुर ने परिजन को लाभ देने के लिए यह घोषित नही किया की उनकी पत्नी नेहा आर्या वैज्ञानिक के तौर पर एम्स में कार्यरत है और वह इस प्रोजेक्ट का हिस्सा बनी जो कि सिविल सेवा के नियमो का गंभीर उल्लंघन है. नेहा आर्या को इस कथित प्रोजेक्ट के विषय पर न अनुभव है न विशेषज्ञता है.

फाइनेंस अधिकारी पर दवाब डालने का भी आरोप

दिनांक 4 जुलाई 2023 को बोर्ड के तत्कालीन सदस्य सचिव चंद्रमोहन ठाकुर ने वित्त अधिकारी शरद शर्मा के साथ चेक हस्ताक्षर कर 1,26,62,038.00 एम्स भोपाल को भुगतान किए वित्त अधिकारी ने प्रोजेक्ट टीम को एक साथ संपूर्ण राशि देने पर विरोध दर्ज कराया था लेकिन बोर्ड सचिव ठाकुर ने दवाब डालकर उसे डराया था. कथित प्रोजेक्ट के लिए यह संपूर्ण भुगतान इसलिए गैरकानूनी था क्योंकि शोध योजना पर प्रगति देख चरणबद्ध तरीके से भुगतान का प्रावधान है लेकिन यहां ठाकुर ने निजी लाभ के लिए जल्द संपूर्ण भुगतान किया.

पद के दुरुपयोग के मामले की भी शिकायत

मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में शोध मद में इतनी बड़ी राशि उपलब्ध न होने पर मद परिवर्तन करने वाले बोर्ड अध्यक्ष और प्रमुख सचिव पर्यावरण गुलशन बामरा आईएएस ने अपने अधीनस्थ रहे तत्कालीन सदस्य सचिव चंद्र मोहन ठाकुर आईएएस पद को अवैध लाभ देने के लिए दुरुपयोग कर विधि विरुद्ध प्रक्रिया और अनावश्यक रूप से इस प्रोजेक्ट को अनुमति दी. संवेदनशील सिंगरौली आदिवासी बहुल जिले में सैंकड़ों आम आदमी को भ्रमित कर ब्लड टेस्ट सहित स्वास्थ्य परीक्षण करवाया गया.

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ड्रग ट्रायल भी की नहीं ली अनुमति

शिकायत करते हुए दुबे ने कहा है कि सबसे महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई कि एम्स की प्रोजेक्ट टीम के प्रमुख डॉक्टर राज कुमार पाटिल और प्रोजेक्ट टीम की महत्वपूर्ण सदस्य डॉक्टर नेहा आर्या जो बोर्ड के पूर्व सदस्य सचिव चंद्र ठाकुर की निकट परिजन ने सिंगरौली जिला प्रशासन और सीएमएचओ से वैधानिक प्रावधानों के तहत अनुमति नहीं ली. गैर कानूनी तरीके से अवैध ड्रग ट्रायल की भांति आम नागरिकों का स्वास्थ्य परीक्षण किया, जो कि बेहद गंभीर अपराधिक लापरवाही है.

सीबीआई जांच की उठाई मांग

अजय दुबे ने बताया कि एम्स की प्रोजेक्ट टीम के प्रमुख डॉक्टर राज कुमार पाटिल,डॉक्टर नेहा आर्या और अन्य ने इस कथित प्रोजेक्ट के लिए सिंगरौली का दौरा भी नही किया. इस प्रोजेक्ट के लिए रखे गए 2 जूनियर रिसर्च फेलो ने ही सिंगरौली में जाकर ब्लड टेस्ट सहित स्वास्थ्य परीक्षण कराया. इस कथित प्रोजेक्ट के नाम पर केवल सरकारी राशि हजम की गई और गुप्त तौर पर ड्रग ट्रायल जैसी अवांछित गतिविधियां संचालित हुई जिसकी सीबीआई जांच हो।एम्स भोपाल के खिलाफ तो मैं जल्द भारत सरकार को शिकायत करूंगा.

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