MP News: सीएम राइज स्कूल मध्य प्रदेश सरकार की एक पहल है जिसमें बच्चों को सरकारी स्कूलों में ही प्राइवेट स्कूल जैसी सुविधाएं मिलती हैं. अच्छी बैठने की व्यस्था, ब्लैकबोर्ड, स्मार्ट क्लास, तमाम तरह के लैब्स ताकि किसी भी क्षेत्र में पीछे न छूट जाएं. तकनीकी शिक्षा के लिए स्कूलों में रोबोटिक प्रयोगशाला भी रहती है. विस्तार न्यूज आपरेशन ग्राउंड जीरो के तहत सीएम राइज स्कूल को देखने के लिए पहुंचा, लेकिन वहां जो नजारा दिखा वह स्कूल की अव्यवस्थाओं की पोल खोलता हुआ नजर आ रहा था.
कमला नेहरू स्कूल की प्रिंसपल ने क्लासरूम में जाने से रोका
राजधानी भोपाल के कमला नेहरू स्कूल जो की बालिकाओं बनाया गया है. यहां हमें प्रधानाचार्य संगीता सक्सेना मिलीं. इन्होंने हमे स्कूल के तमाम खूबियों के बारे में, प्रशासन के द्वारा उपलब्ध कराए गए सारी चीजों के बारे में बताया. लेकिन जब बात आई अपने कैमरे के सामने व्यवस्थाओं को देखने की, तो प्रिंसपल मैडम के चेहरे से पसीना छूटने लगा मैडम संगीता सक्सेना घूमा फिरा का बातों को टालने लगीं, तरह तरह के बहाने बनाने लगीं. जैसे कि स्टाफ को बुला रहीं, बच्चें नहीं हैं… कुछ देर बाद उनके चेहरे पर डर की भावना दिखाई दी. बचने की उम्मीद कम दिखते हुए फिर प्रिंसपल मैडम बहसबाजी पर उतर आयीं और कैमरापर्सन जमशेद से बहस करने लगी, अपशब्द बोलने लगी.
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CM राइज स्कूल बरखेड़ी में मिली सारी सुविधाएं
इसके बाद विस्तार न्यूज की टीम पहुंची CM राइज स्कूल बरखेड़ी. भोपाल यहां प्राध्यापक केडी श्रीवास्तव के साथ स्कूल का मुआयना करने पर सारी सुविधाएं सुचारू रूप से नजर आईं. हालांकि बगल में चल रहे संस्कृत विद्यालय के वजह से निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है.
एक तरफ कमला नेहरू स्कूल, दूसरी तरफ बरखेड़ी में CM राइज स्कूल जहां सारी व्यवस्था सुचारू रूप से चलती हुई नजर आयी. वहीं कमला नेहरू में अंदर की तस्वीरें न मिल पाना और बहाने बनाना उन्हें शक के घेरे में खड़ा करता है. दोनों स्कूलों में सुविधाएं प्रदेश सरकर ही मुहैया कराई जा रही है लेकिन अंतर साफ दिखाई दे रहा है.