Bhopal News: एमपी बोर्ड के फर्जी पेपर बेचने का फैसला आ गया है. भोपाल जिला एवं सत्र न्यायालय ने 4 मई शनिवार को एमपी बोर्ड पेपर लीक मामले में तीन लोगों को दोषी ठहराया है. अदालत ने माना है कि दोषियों ने लीक हुए पेपर को प्रसारित करने के लिए टेलीग्राम चैनलों और सोशल मीडिया समूहों का इस्तेमाल किया. साथ ही भीम और अन्य ई-वॉलेट ऐप्स के माध्यम से पैसे लिये. बता दें कि ऑनलाइन फर्जी पेपर बेचने के मामले में प्रदेश में पहली बार सजा सुनाई गई है. यह फर्जीवाड़ा 22-02-2022 से 4-03-2023 को बीच किया गया था.
यह था पूरा मामला
पूरा मामला आरोपी, सोशल मीडिया प्लेटफार्म टेलीग्राम और भीम एप के इर्द-गिर्द घूमता है. आरोपियों ने एमपी बोर्ड का फर्जी लोगो लगाकर टेलीग्राम पर ग्रुप बनाया था, जिस पर आरोपियों ने 10वीं और 12वीं का पेपर उपलब्ध कराने का दावा किया था. छात्रों से पेपर देने के पेमेंट को लेने के भीम एप के जरिए वसूली की गई थी. वहीं बोर्ड परीक्षा से पहले पुलिस तक पूरा मामला पहुंचा जिसके बाद सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. क्राइम ब्रांच ने मंडीदीप के रहने कौशिक दुबे की गिरफ्तारी की. जिसके बाद एमपीबीएसई फर्जी लोगो टेलीग्राम ग्रुप का भंडाफोड़ हुआ था. शिवम के पास से एक बैंक पासबुक, एक मोबाइल फोन और अपराध के दौरान इस्तेमाल किए गए दो सिम कार्ड बरामद किए गए थे. कौशिक की गिरफ्तारी के बाद बाकी लोगों की गिरफ्तारी हुई.
आरोपियों को 2 साल की सजा और 10 हजार का जुर्माना
सीजेएम अरुम कुमार सिंह ने इस पूरे मामले में सुनावाई करते हुए आरोपी कमलेश गुर्जर, कौशिक दुबे, बृजेश को आईपीसी की धारा 420,419 और आईटी एक्ट की धारा 66 के तहत दो साल की सजा का आदेश दिया. इसके साथ ही 10000- 10000 रू का अर्थदण्ड दिया गया है. बता दें कि इस पूरे मामले की पैरवी शासन की ओर से सहायक जिला अभियोजन अधिकारी नीतू जैन ने की है.