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MP News: गुजरात की तरह अवैध खनन पर रोक लगाने की तैयारी में MP सरकार, बूम बैरियर और AI चेक गेट लगाने का प्रस्ताव तैयार

In MP, geo-facing of mines will be done to stop illegal mining in the areas around sand mines.

एमपी में खदानों की जियो फेसिंग करके रेत खदान के आसपास के इलाकों में अवैध खनन रोकने का काम किया जाएगा.

Mohan Cabinet: प्रदेश में रेत खदानों से अवैध खनन, परिवहन पर सख्ती से रोक लगाने के लिए अब रेत खदानों के ड्रोन सर्वे करने की तैयारी है ताकि सरकार को यह पता रहे कि ठेकेदार को जिस रेत का ठेका दिया है. उसका एरिया कितना है और उसमें कितनी रेत उपलब्ध है जिसका खनन ठेकेदार करेगा. इसके साथ ही खदानों की जियो फेसिंग भी तेजी से करके रेत खदान के आसपास के इलाकों में अवैध खनन रोकने का काम किया जाएगा.

खासतौर से अवैध उत्खनन के बाद परिवहन पर रोक लगाने के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव और अन्य अधिकारियों को गुजरात मध्य प्रदेश सरकार ने भेजा था गुजरात से लौट के बाद अधिकारियों ने प्रस्ताव तैयार किया है कि एआई चेक पोस्ट और बूम बैरियर लगाए जाएं. जिससे यह पता चले कि खनन के बाद परिवहन की परमिशन है या फिर नहीं. परिवहन मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने बताया कि अवैध खनन को रोकने के लिए मध्य प्रदेश की सरकार ने पहले ही सभी जिलों के कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही परिवहन विभाग भी गुजरात के अधिकारियों के साथ मिलकर अवैध परिवहन को रोकने के लिए नीति तैयार कर रहा है. इसके लिए कई अधिकारियों को गुजरात भेजा भी गया था. वही खनिज विभाग में प्रस्ताव तैयार किया है कि मध्य प्रदेश के 36 जिलों में खदानों के एग्रीमेंट को रिन्यू कराया जाए. जिससे कि पता चल सके कि कितने जिलों में कितनी रेत खनन की क्षमता है.

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हत्या के बाद लिया सबक, पटवारी और आरक्षक अकेले नहीं करेंगे कार्रवाई

इसके अलावा अवैध खनन को रोकने के लिए अधिकारियों को भी निर्देश दिए गए हैं. प्रमुख सचिव ने एक आदेश जारी करते हुए कहा है कि कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर, अपर कलेक्टर तहसीलदार और एसडीएम को कार्रवाई की अनुमति होगी. पिछले कई दिनों पुलिस बिना प्रशासनिक अधिकारियों के दबिश देकर कार्रवाई कर रही थी. दरअसल, पिछले दिनों मध्य प्रदेश में पुलिस आरक्षक, पटवारी की हत्या रेत खनन करने वाले माफियाओं ने कर दी थी. निरीक्षक, प्रभारी अधिकारी (उड़नदस्ता) भी कार्यवाही कर सकेंगे. ये अधिकारी जरूरत होने पर संबंधित थाने से लिखित में पुलिस सहायता की मांग करेंगे और पुलिस अधिकारी सहायता उपलब्ध कराएंगे.

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