MP News: मप्र विधानसभा का मानसून सत्र पांच दिन में ही समाप्त हो गया. डॉ. मोहन यादव कैबिनेट का पहला विस्तार भी हो चुका है. अब प्रदेश में जल्द ही बड़ी प्रशासनिक सर्जरी होने के आसार हैं. इस प्रशासनिक फेरबदल में 15 से ज्यादा जिलों के कलेक्टर बदले जा सकते हैं. उन प्रमोटी आईएएस अफसरों को तबादला किया जाएगा, जो दो या इससे ज्यादा जिलों में कलेक्टर रह चुके हैं.
साथ ही लंबे समय से जिलों में पदस्थ नॉन परफॉर्मर कलेक्टरों को भी बदला जा सकता है. उनके स्थान पर 2015 बैच के आईएएस अफसरों को जिलों में भेजा जाएगा. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की प्रशासनिक फेरबदल के संबंध में मुख्य सचिव वीरा राणा और अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा से प्रारंभिक दौर की चर्चा हो चुकी है. मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि प्रशासनिक फेरबदल में कलेक्टर सतना अनुराग वर्मा, कलेक्टर शिवपुरी रविंद्र चौधरी, कलेक्टर भिंड संजीव श्रीवास्तव, कलेक्टर राजगढ़ हर्ष दीक्षित, कलेक्टर सीहोर प्रवीण सिंह अढायच, कलेक्टर नीमच दिनेश जैन, कलेक्टर धार प्रियंक मिश्रा, कलेक्टर खंडवा अनूप कुमार सिंह, कलेक्टर देवास ऋषभ गुप्ता, कलेक्टर बुरहानपुर भव्या मित्तल, कलेक्टर नरसिंहपुर शीतला पटले, कलेक्टर कटनी अवि प्रसाद, कलेक्टर छतरपुर संदीप जीआर, कलेक्टर सागर दीपक आर्य, कलेक्टर डिंडोरी विकास मिश्रा आदि का स्थानांतरण किया जा सकता है. हालांकि इनमें से कुछ कलेक्टरों को परफॉरमेंस के आधार पर बड़े जिले की कमान भी सौंपी जा सकती है.
2015 बैच की एक अफसर बनीं कलेक्टर
दरअसल, मप्र कैडर के 2015 बैच के आईएएस अफसर पिछले तीन-चार साल से कलेक्टर के पद पर पोस्टिंग का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. ये अधिकारी मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव तक अपनी बात पहुंचा चुके हैं. भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयन के नौ साल बाद इस बैच की पहली अधिकारी संस्कृति जैन को पिछले महीने कलेक्टर सिवनी के पद पर पदस्थ किया गया है. इससे इस बैच के अन्य अफसरों को भी जल्द कलेक्टर के पद पर पोस्टिंग की उम्मीद जगी है. मप्र कैडर के 2015 बैच में कुल 16 अधिकारी हैं, जो वर्तमान में नगर निगम आयुक्त, अपर कलेक्टर, मंत्रालय में उप सचिव जैसे पदों पर पदस्थ हैं. अमूमन प्रशासनिक सेवा में आने के 6 से 7 साल में किसी आईएएस अधिकारी की कलेक्टर के पद पर पोस्टिंग हो जाती है और वह अपने सेवाकाल में तीन से चार जिलों में कलेक्टर रह लेता है, लेकिन इस बैच के अधिकारियों की कलेक्टर के पद पर पदस्थापना लेट होने से वे एक से दो जिलों में ही कलेक्टर रह पाएंगे.
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फेरबदल के संबंध में हुई थी सीएम की चर्चा
सामान्यतः किसी आईएएस अधिकारी की 13 साल की सेवा अवधि तक कलेक्टर के पद पर पोस्टिंग की जाती है. इसके बाद उसे फील्ड से वापस बुला लिया जाता है. मप्र में ‘कैडर मिस मैनेजमेंट’ के कारण आईएएस अफसरों की जिला कलेक्टर के पद पर पोस्टिंग में मप्र उड़ीसा, छत्तीसगढ़, राजस्थान, झारखंड जैसे राज्यों से पिछड़ गया है. उड़ीसा में 2018 बैच, राजस्थान में 2016 बैच और छत्तीसगढ़ में 2017 बैच के आईएएस अफसरों की जिला कलेक्टर के पद पोस्टिंग हो चुकी है, मप्र में अब जाकर 2015 बैच की पहली अधिकारी को कलेक्टर बनाया गया है.
ये आईएएस बन सकते हैं कलेक्टर
मप्र कैडर की 2015 बैच की आईएएस अदिति गर्ग, पार्थ जायसवाल, रोशन कुमार सिंह, मृणाल मीना, हर्ष सिंह, हर्षल पंचोली, हिमांशु चंद्रा, ऋतु राज, अर्पित वर्मा, बालगुरु के, गुंचा सनोबर, राखी सहाय, संजय कुमार जैन, शीला दाहिमा और बिदिशा मुखर्जी को कलेक्टर बनने का इंतजार है. मप्र कैडर के 2014 बैच के चार अधिकारी भी अब तक कलेक्टर के पद पर पदस्थ नहीं हो पाए हैं. इनमें नियाज खान, नीतू माथुर, अंजू भदौरिया और जमुना भिड़े शामिल हैं। इनकी भी फील्ड पोस्टिंग की जा सकती है. सूत्रों का कहना है कि इन अधिकारियों को भी कलेक्टर के पद पर पदस्थ किया जा सकता है.