Bhopal: मध्य प्रदेश में चर्चित आरजीवीपी एफडी ट्रांसफर घोटाले के मामले में एमपी पुलिस ने इंटरपोल और ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन को भी अलर्ट कर दिया है. इससे पहले पुलिस ने एमएचए को पत्र लिखते हुए कुलगुरु और रजिस्ट्रार के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया था. पुलिस को आशंका है कि दोनों आरोपी विदेश भाग सकते हैं. इससे पहले केंद्रीय खुफिया एजेंसियों को अलर्ट कर दिया है.
राजीव गाँधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मे हुए भ्रष्टाचार तत्कालीन कुलपति सुनील कुमार गुप्ता प्रोफेसर राकेश कुमार राजपूत, ऋषिकेश वर्मा के तहत केस दर्ज किया गया था. आरोपी कुमार मयंक, रामकुमार रघुवंशी, सुनील रघुवंशी को गिरफ्तार किया गया है. कुमार मयंक से 6,60,000- रूपये , 15,68,348/- रूपये एसबीआई एकाउण्ट 94,492 रूपये जीवन फॉईनेंस बैंक , 1,04,000 रूपये एक्सेस बैंक 34,71,375 रूपये आरबीएल बैंक के फ्रीज करा दिया गया है.
फिलहाल रामकुमार रघुवंशी, सुनील रघुवंशी पुलिस रिमाण्ड पर है और पुलिस तीनों फरार आरोपियों की तलाश के लिए तीन टीम बना कर आरोपियों के ठिकानों पर दबिश दे रही है.
मुख्य आरोपी पूर्व वाईस चान्सलर सुनील गुप्ता एवं रजिस्ट्रार राकेश सिंह राजपूत एवं वित्त नियंत्रक ऋषिकेश वर्मा की चल-अचल संपत्ति की जानकारी जुटाई जाकर संपप्ति कुक करने के लिए कोर्ट से अनुमति मांगी गई है. आरोपी सुनील गुप्ता राकेश सिंह राजपूत एवं ऋषिकेश वर्मा की तलाश हेतु को उसके निवास पर दबिश दी जा रही है. इससे पहले तत्कालीन एक्सेस बैक मैनेजर रामकुमार रघुवंशी को गिरफ्तार कर रिमाण्ड पर लिया जा चुका है.
सीसीटीवी कैमरों और यूपीआई की भी पुलिस कर रही पड़ताल
आरोपी सुनील गुप्ता, राकेश राजपूत के पूर्व में की गई विदेश यात्राओं एवं वर्तमान में उनकी जानकारी के लिए ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन नई दिल्ली को पत्राचार किया गया. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अपराध अनुसंधान विभाग के जरिए भी इन्टर पोल एवं ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन को भी सूचना दी गई है. भोपाल से फरार होने के दौरान के सीसीटीव्ही फुटेज एकत्र करने बैक अकाउट यूपीआई ट्रॉजेक्शन की जानकारी वास्ते एसीपी सुजीत तिवारी की अलग टीम बनाई गई है. सुनील गुप्ता, राकेश राजपूत के परिजनों (पत्नी एवं बच्चो से थाना प्रभारी चूनाभट्टी भूपेन्द्र कौर संधू से भी पूछताछ की गई है.
आरोपियों के परिजनों को भी सार्विलांस पर रखा
पुलिस ने आरोपियों के अलावा परिजनों के मोबाईल नंबर गतिविधियों की जानकारी काईम ब्रांच की मदद से सार्विलांस पर रखा है. फरार आरोपियों के समस्त बैंक अकाउण्ट एवं ट्रांजेक्शन को ब्लाक व फीज कर 58 लाख रुपए सीज किए गए हैं.