MP News: मध्य प्रदेश सरकार इस महीने 6000 करोड़ रुपए का कर्ज लेगी. इसकी पुष्टि आरबीआई ने राज्य सरकारों द्वारा बाजार उधार के सांकेतिक कैलेंडर में की है. आरबीआई के मुताबिक एमपी सरकार 22 अक्टूबर को 6000 करोड़ रुपए का लोन लेगी. वित्तीय वर्ष 2024-25 में एमपी सरकार की ओर से लिया रुपए का तीसरा कर्ज लिया जा चुका है और अब सरकार इस महीने के अंत में 6000 करोड़ रुपए का कर्ज लेने की दिशा में आगे बढ़ रही है.
वित्तीय वर्ष 2024-25 में सरकार अधिकतम 64 हजार करोड़ रुपए का लोन ले सकेगी. वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कर्ज की राशि इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट पर खर्च की जाएगी. यह चौथा लोन होगा.
तीन बार में सरकार 15 हजार करोड़ का कर्ज ले चुकी है
वित्त विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक मप्र सरकार ने वित्त वर्ष 2024- 25 के शुरुआती चार महीने में कोई लोन नहीं लिया था. सरकार ने एक अगस्त को इस वित्तीय वर्ष का पहला 5000 करोड़ रुपए का लेने की औपचारिकताएं शुरू की थीं. 22 अगस्त को उसने 5000 करोड़ रुपए का दूसरा कर्ज लेने की प्रक्रिया शुरू की. इसके एक महीने बाद सितंबर में 5000 करोड़ कोई भी राज्य अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का अधिकतम 3 प्रतिशत की सीमा तक ऋण ले सकता है.
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यह है कर्ज लेने का फार्मूला
एमपी का सकल घरेलू उत्पाद करीब 15 लाख करोड़ रुपए है. इसके अनुपात में मप्र सरकार की कर्ज लेने की सीमा निर्धारित की गई है. वित्त अधिकारियों का कहना है कि केंद्र सरकार संविधान के अनुच्छेद 293 (3) के तहत किसी भी राज्य सरकार को कर्ज लेने की सहमति देती है. केंद्र की सहमति के बिना कोई राज्य ऋण नहीं ले सकता है.
सरकार पर 3.75 लाख करोड़ रुपए का कर्ज
एमपी सरकार पर अक्टूबर 2024 की स्थिति में 3 लाख 95 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है. पिछले वित्त वर्ष में सरकार ने 42 हजार 500 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था. इसमें से 17 हजार 500 करोड़ रुपए का लोन मोहन सरकार के समय और 25 हजार करोड़ रुपए का लोन तत्कालीन शिवराज सरकार के समय लिया गया था. बीते वित्त वर्ष में मप्र सरकार की कर्ज लेने की सीमा 47 हजार 560 करोड़ रुपए थी. सरकार ने मप्र विधानसभा के मानसून सत्र में 3 जुलाई को वित्तीय वर्ष 2024-25 का 3.65 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया था.