MP News: राजधानी परियोजना प्रशासन यानी सीपीए का जिन्न फिर बोतल से बाहर आ गया है. सीपीए के पुनर्गठन की कवायद के बीच इसके आधिपत्य को लेकर दो विभागों में खींचतान जारी है. ढाई साल पहले सीपीए को बंद करने के बाद इसकी संपत्तियां (सड़कों-बड़े सरकारी भवनों का मेंटेनेंस) लोक निर्माण विभाग को हस्तांतरित कर दी गई थीं. पिछले दिनों मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर से सीपीए को पुनर्जीवित करने आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया था.
इसके बाद नगरीय विकास एवं आवास विभाग एक्शन में आ गया है. विभाग ने लोक निर्माण विभाग को फाइल भेजकर सीपीए की संपत्तियां उसे हस्तांतरित किए जाने को लेकर अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) मांगा है. लोक निर्माण विभाग संपत्तियां हस्तांतरित करने के लिए राजी नहीं है, इसलिए विभाग ने फिलहाल फाइल को होल्ड कर दिया है. लोक निर्माण विभाग सीपीए का आधिपत्य अपने पास रखना चाहता है. मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि सीपीए के पुनर्गठन को लेकर कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा. चूंकि सीपीए की संपत्तियां पीडब्ल्यूडी के आधिपत्य में हैं, इसलिए विभाग की एनओसी के बगैर प्रस्ताव को कैबिनेट में नहीं लाया जा सकेगा. यही वजह है कि नगरीय विकास विभाग पीडब्ल्यूडी की एनओसी के बगैर कैबिनेट में नहीं लाया जा सकेगा सीपीए के पुनर्गठन संबंधी प्रस्ताव ने एनओसी लेने के लिए पीडब्ल्यूडी को फाइल भेजी है.
इसलिए सीपीए का आधिपत्य चाहते हैं विभाग
सीपीए के पास मंत्रालय, सतपुड़ा भवन, विंध्याचल, विधानसभा भवन, विधायक विश्रामगृह, शहीद स्मारक, पर्यावास भवन, गैस राहत एवं पुनर्वास विभाग के चिकित्सालय, डिस्पेंसरी, आवास के मेंटेनेंस के अलावा भोपाल के प्रमुख मार्गों और पार्कों को संधारित करने का काम सीपीए के जिम्मे था. यूनियन कार्बाइड के कचरे के निष्पादन का काम देख रहा था. मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि इन कार्यों का बजट करोड़ों में है. मंत्रालय का रेनोवेशन 107 करोड़ की लागत से किया जा रहा है। सतपुड़ा और विंध्याचल भवन को तोड़कर करोड़ों की लागत से नए भवन बनाने की प्रक्रिया चल रही है. अभी यह काम पीडब्ल्यूडी के जिम्मे है, यदि सीपीए का पुनर्गठन होता है और इसे पूर्व की तरह इसका आधिपत्य नगरीय विकास एवं आवास विभाग को ने मुख्यमंत्री ने हाल में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर से सीपीए के पुनर्गठन के लिए आर्थिक और तकनीकी सहायता देने का अनुरोध किया था.
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कृष्णा गौर ने लिखी चिट्ठी, केंद्रीय मंत्री से मिले सीएम
सीपीए दोबारा चर्चा में तब आया, जब गत मार्च में पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री कृष्णा गौर ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर सीपीए को दोबारा चालू करने की मांग की. इसके बाद मुख्य सचिव ने नगरीय विकास एवं आवास विभाग और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर सीपीए के पुनर्गठन को लेकर अभिमत मांगा था. सूत्रों का कहना है कि पीडब्ल्यूडी सीपीए के पुनर्गठन के पक्ष में नहीं है. पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात कर सीपीए को पुनर्जीवित करने के लिए केंद्रीय मंत्रालय से आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया था. इसके बाद से नगरीय विकास एवं आवास विभाग तेजी से सीपीए के पुनर्गठन की कवायद में जुटा है, लेकिन उसे अब तक पीडब्ल्यूडी से एनओसी नहीं मिल पाई है। एनओसी मिलने के बाद ही सीपीए के पुनर्गठन संबंधी प्रस्ताव को कैबिनेट की बैठक में रखा जा सकेगा.
शिवराज ने दिए थे सीपीए बंद करने के निर्देश
तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर 3 मार्च, 2022 को कैबिनेट ने सीपीए को बंद करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी. इसके बाद सीपीए में प्रतिनियुक्ति पर पदस्थ अधिकारियों-कर्मचारियों को मूल विभाग वापस लौटा दिया गया था. शहर की सड़क और भवनों के मेंटेनेंस का काम लोक निर्माण विभाग और पार्कों को संधारित करने का दायित्व वन विभाग को सौंप दिया गया था.
मंत्री ने कहा था- फिर से शुरू नहीं होगा सीपीए
कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद एक प्रश्न के लिखित उत्तर में लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने गत 4 जुलाई को विधानसभा को बताया कि सरकार का सीपीए को फिर से शुरू करने का कोई विचार नहीं है, क्योंकि भोपाल में निर्माण कार्य व सौंदर्यीकरण के लिए स्मार्ट सिटी, बीडीए, हाउसिंग बोर्ड, नगर निगम, पीडब्ल्यूडी जैसी कई सरकारी एजेंसियां हैं.