MP News: कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग की ‘रेशम से समृद्धि योजना’ में कई नवाचार किये जा रहे हैं. नर्मदापुरम जिले के रेशम विकास केन्द्र मालाखेड़ी में रेशम से दवाइयों का उत्पादन करने के लिए कार्यवाही तेज कर दी है. यहाँ दवाइयाँ बनाने के लिए गत माह फाईब्रोहित कंपनी तथा सरदार वल्लभ भाई पटेल शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज, भोपाल के बीच एक अनुबंध हुआ. इस अनुबंध के तहत मालाखेडी रेशम विकास केन्द्र में रेशम के धागे से पॉवडर, क्रीम, सेरी बैंडेज एवं सिजेरियन बैंडेज आदि का निर्माण (उत्पादन) किया जाएगा. रेशम के धागे से दवाईयों के अलावा अन्य प्रकार के उत्पादन करने के प्रयास भी किये जा रहे है. इस दिशा में जरूरी अनुसंधान एवं विकास कार्यों के लिये 50 करोड़ रूपये की आवश्यकता का मांग पत्र राज्य शासन को भेजा गया है.
आयुक्त रेशम ने बताया कि रेशम के विकास एवं विस्तार से जुड़ी सेवाओं के त्वरित क्रियान्वयन (संपादन) के लिये रेशम से समृद्धि योजना में ‘न्यू सिल्क ईको सिस्टम’ विकसित किया गया है. इसके लिये मध्यप्रदेश सिल्क फेडरेशन को 100 करोड़ रूपये उपलब्ध कराने का प्रस्ताव तैयार किया गया है. रेशम विकास गतिविधियों के क्रियान्वयन में इस राशि का उपयोग किया जा सकेगा. उन्होंने बताया कि रेशम संचालनालय की योजनाओं का क्रियान्वयन अब मध्यप्रदेश सिल्क फेडरेशन के माध्यम से किया जायेगा. इसके लिये एमपी सिल्क फेडरेशन को जरूरी धनराशि (ग्रान्ट के रूप में) उपलब्ध कराने का प्रस्ताव राज्य शासन को दिया गया है.
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रेशम गतिविधियों का क्रियान्वयन अब क्लस्टर एप्रोच मोड में
आयुक्त रेशम ने बताया कि रेशम विकास के लिये एक और नवाचारी कदम उठाया जा रहा है. प्रदेश में रेशम विकास गतिविधियों का क्रियान्वयन अब क्लस्टर मोड में करने की शुरूआत कर दी गई है. रेशम गतिविधियों की पुनर्संरचना करते हुये न्यू सिल्क ईको सिस्टम करने के साथ ही पचमढ़ी में सिल्क टेक पार्क भी प्रारंभ किया गया. इसमें चार प्रकार के रेशम ककून का उत्पादन किया जा रहा है. म.प्र. सिल्क फेडरेशन को राज्य की स्टार्ट-अप नीति के तहत इन्क्यूबेटर बनाया गया है.
रेशम विकास गतिविधियों के सुचारू क्रियान्वयन के लिये शासकीय महिला पॉलिटेक्निक महाविद्यालय भोपाल के फैशन टेक्नोलॉजी विभाग तथा आई.आई.एम. इन्दौर के मध्य न्यू सिल्क ईको सिस्टम के क्रियान्वयन के लिए एक एम.ओ.यू. किया गया है. रेशम से समृद्धि योजना में किसानों को उनकी आजीविका बढ़ाने के लिए मुफ्त रेशमकीट बीज, सरलता से ऋण उपलब्ध कराकर उनका निर्यात बढ़ाने के लिये सहायता भी दी जा रही है. शासकीय महिला पॉलिटेक्टिनक महाविद्यालय के फैशन टेक्नालॉजी विभाग में ब्राण्डिंग प्रमोशन योजना में सिल्क केटेनेशन, सिल्क स्टूडियो तथा सिल्क टूरिज्म शुरू किया गया है.
आयुक्त रेशम ने बताया कि रेशम संचालनालय द्वारा आई.आई.एम. इंदौर के मॉडल पर रेशम विकास गतिविधियाँ क्रियान्वित की जा रही हैं. प्रदेश के रेशम उत्पादक किसानों द्वारा उत्पादित रेशम ककून का प्रतिस्पर्धा के जरिये समुचित मूल्य दिलाने के लिये नर्मदापुरम् जिले में अक्टूबर 2023 से रेशम ककून मण्डी की स्थापना भी की गई है.