MP News: मप्र कैडर के 2015 बैच के आईएएस अफसरों की इंतजार की इंतहां खत्म हो गई. भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयन के नौ साल बाद अब इस बैच के अफसरों की कलेक्टर के पद पर पोस्टिंग की शुरुआत हो गई है. इस बैच की पहली आईएएस अधिकारी संस्कृति जैन को कलेक्टर सिवनी बनाया गया है. इस बैच के आईएएस अधिकारी पिछले तीन-चार साल से बेसब्री से कलेक्टर बनने का इंतजार कर रहे हैं.
मप्र में ‘कैडर मिस मैनेजमेंट’ की वजह से अब तक उनकी कलेक्टर के पद पर पोस्टिंग नहीं हो पाई. मप्र कैडर के 2015 बैच में कुल 16 अधिकारी हैं, जो वर्तमान में नगर निगम आयुक्त, अपर कलेक्टर, मंत्रालय में उप सचिव जैसे पदों पर पदस्थ हैं. अमूमन प्रशासनिक सेवा में आने के 6 से 7 साल में किसी आईएएस अधिकारी की कलेक्टर के पद पर पोस्टिंग हो जाती है और वह अपने सेवाकाल में तीन से चार जिलों में कलेक्टर रह लेता है, लेकिन इस बैच के अधिकारियों की कलेक्टर के पद पर पदस्थापना लेट होने से वे एक से दो जिलों में ही कलेक्टर रह पाएंगे. सामान्यतः किसी आईएएस अधिकारी की 13 साल की सेवा अवधि तक कलेक्टर के पद पर पोस्टिंग की जाती है इसके बाद उसे फील्ड से वापस बुला लिया जाता है. दरअसल, मप्र में ‘कैडर मिस मैनेजमेंट’ के कारण युवा आईएएस अफसर कलेक्टर के पद पर पदस्थ होने में तो पिछड़ ही रहे हैं, उनके कॅरियर प्रोफाइल पर भी विपरीत असर हो रहा है. आईएएस अफसरों की जिला कलेक्टर के पद पर पोस्टिंग में मप्र उड़ीसा, छत्तीसगढ़, राजस्थान, झारखंड जैसे राज्यों से पिछड़ गया है. उड़ीसा में 2018 बैच, राजस्थान में 2016 बैच और छत्तीसगढ़ में 2017 बैच के आईएएस अफसरों की जिला कलेक्टर के पद पर हैं.
कई अफसर को बनाया लगातार कलेक्टर, अधिकांश रिव्यू में पीछे
मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि सामान्यतः एक बैच के सभी आईएएस अफसरों की कलेक्टर के पद पर एक साथ पोस्टिंग की जाती है, लेकिन मप्र में ऐसा नहीं है. यहां एक ही बैच के आईएएस अफसरों की कलेक्टर के पद पर पोस्टिंग अलग-अलग समय में की जा रही है. कलेक्टर की पोस्टिंग में वरिष्ठता का भी ध्यान नही रखा जा रहा है सामान्यतः किसी कलेक्टर की पदस्थापना के लिए जिलों को ए, बी और सी कैटेगरी में बांटा जाता है. ए कैटेगरी में बड़े जिले, बी कैटेगरी में मध्यम जिले और सी कैटेगरी में छोटे जिले आते हैं. सबसे पहले किसी आईएएस को छोटे जिले में, फिर मध्यम और फिर बड़े जिले में पदस्थ किया जाता है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में मप्र में कलेक्टर की पोस्टिंग में इसका ख्याल नहीं रखा गया है. किसी आईएएस की कलेक्टर के पद पर पहली पोस्टिंग बड़े जिले में दे दी गई एवं कई अधिकारी वरिष्ठ होने के बावजूद छोटे जिलों में पदस्थ हैं.
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ये आईएएस जल्द बनेंगे कलेक्टर
मप्र कैडर की 2015 बैच की आईएएस अदिति गर्ग, पार्थ जायसवाल, रोशन कुमार सिंह, मृणाल मीना, हर्ष सिंह, हर्षल पंचोली, हिमांशु चंद्रा, ऋतु राज, अर्पित वर्मा, बालगुरु के. गुंचा सनोबर, राखी सहाय, संजय कुमार जैन, शीला दाहिमा और बिदिशा मुखर्जी को कलेक्टर बनने का इंतजार है इस बैच की संस्कृति जैन को कलेक्टर सिवनी पदस्थ किया गया है. मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव नए सिरे से प्रशासनिक जमावट करने जा रहे हैं. मैदानी स्तर पर नए सिरे से अफसरों की पोस्टिंग होगी. मुख्यमंत्री की मुख्य सचिव वीरा राणा से ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर प्रारंभिक चर्चा हो चुकी है. जिला कलेक्टर के पद पर पोस्टिंग में 2015 बैच के आईएएस अफसरों को प्राथमिकता दी जाएगी.
2014 बैच के ये आईएएस नहीं बन पाए कलेक्टर
मप्र कैडर के 2014 बैच के चार अधिकारी ऐसे हैं, जिन्हें अब तक कलेक्टर के पद पर पदस्थ नहीं किया गया है. इन अफसरों में नियाज खान, नीतू माथुर, अंजू भदौरिया और जमुना भिड़े शामिल हैं.