MP News: लोकसभा चुनाव के पहले राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ देश भर में निकल रही है, लेकिन मध्यप्रदेश में उनकी पार्टी टूटने की कगार पर है. पार्टी के सीनियर नेता दिग्विजय सिंह अब लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं, तो वहीं युवा नेता अपने लीडर्स से समय ना मिलने के कारण नाराज हैं. यही कारण है कि कई बड़े युवा नेता कांग्रेस का दामन छोड़ रहे हैं. पार्टी के अंदर की स्थिति को जानते हुए भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने सिंधिया के गढ़ ग्वालियर में बैठकर दावा किया कि लोकसभा में वो 29 में से 15 सीट जीतेंगे, जबकि मौजूदा वक्त में कांग्रेस के पास सिर्फ 1 सीट है.
दिग्विजय सिंह-
राजगढ़ या भोपाल लोकसभा सीट से सबसे ज्यादा मजबूत दावेदार दिग्विजय सिंह की मानी जाती है. लेकिन पिछले महीने ही उन्होंने यह कह दिया था कि उनके पास राज्यसभा के कार्यकाल में ढाई साल का वक्त बचा है, इसलिए वो चुनाव नहीं लड़ेंगे. जबकि वो पहले ही 2019 में भोपाल लोकसभा सीट को हार चुके हैं.
कमलनाथ
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का चुनाव लड़ना भी अभी तक तय नहीं है. उनके बेटे प्रदेश की सबसे मजबूत और एकमात्र जीती हुई सीट छिन्दवाड़ा से चुनाव लड़ते हैं. यही कारण है कि वो चुनाव लड़ने के लिए स्थिति को क्लीयर नहीं कर पा रहे हैं.
अजय सिंह राहुल
चुनाव लड़ने पर अजय सिंह राहुल ने विस्तार न्यूज को बताया था कि मैं चुनाव नहीं लडूंगा. हालांकि वो चुनाव क्यों नहीं लड़ेंगे इस पर उन्होंने स्पष्ट बयान नहीं दिया.
संजय शुक्ला
कांग्रेस नेता संजय शुक्ला ने कहा पार्टी टिकट देगी तो हम देखेंगे, लेकिन चुनाव लड़ने का अभी मूड नहीं है.
चिंटू चौकसे
इंदौर से एक बड़ा चेहरा माने जाने वाले चिंटू चौकसे ने चुनाव लड़ने को लेकर कहा कि सवाल ही नहीं पैदा होता है कि मैं चुनाव लडूं. हमारे पास कई बड़े नेता हैं. मैं तो छोटा सा कार्यकर्ता हूं.
दीपक पिंटू जोशी
दिग्विजय सिंह की तरह कांग्रेस नेता हार का जिम्मेदार EVM को मानते हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव अगर ECM से होता है इसलिए मेरा व्यक्तिगत मत है कि कांग्रेस को चुनाव ही नहीं लड़ना चाहिए. लोकसभा चुनावों का बायकॉट करना चाहिए.
राम किशोर शुक्ला
महू से कांग्रेस का बड़ा चेहरा रहे राम किशोर ने भी लोकसभा चुनाव ना लड़ने का कारण अपने मन को बताया है.
जीतू पटवारी ने समय नहीं दिया तो छोड़ दी कांग्रेस-
लोकसभा चुनाव के पहले लगातार कांग्रेसी पार्टी को छोड़ा सबसे बड़ी विरोधी पार्टी बीजेपी का हाथ थाम रहे हैं. सिहोरा विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी रही एकता ठाकुर ने भी कांग्रेस को छोड़ दिया है. उन्होंने का कहना था कि उन्होंने जीतू पटवारी से समय मांगा था. लेकिन समय नहीं दिया गया. एकता का कहना है कि राम मंदिर को लेकर कांग्रेस पार्टी ने विरोध भी किया. साथ ही कांग्रेस पार्टी में अनुशासन ही नहीं बचा है. ऐसे में जब किसी की बात ही नहीं सुनी जाएगी.
228 कांग्रेसियों ने एक साथ पार्टी छोड़ी
24 जनवरी को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने चंबल में कांग्रेस बड़ा झटका दिया. उन्होंने मुरैना में 228 कांग्रेसियों को बीजेपी ज्वाइन करवाई थी. दिल्ली में उन्होंने कांग्रेस नेता राकेश मावई को बीजेपी में शामिल करवाया था. इससे पहले कांग्रेस की आशा दोहरे, नगर पालिका में पूर्व नेता प्रतिपक्ष अनीता जैन, प्रदेश कांग्रेस सचिव राकेश जैन अमोल को भी सिंधिया ने बीजेपी में जोड़ा था.