MP News: ग्वालियर में गुरुवार को जीवाजी विश्वविद्यालय के गेट के बाहर NSUI और युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मितेन्द्र सिंह के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया है. जीवाजी विश्वविद्यालय से संबद्ध B.Ed कॉलेजों में हुए फर्जीवाड़े और BBA सहित अन्य संकायों में विद्यार्थियों के लिए सीटें बढ़ाए जाने की मांग सहित अन्य मुद्दों को लेकर यह प्रदर्शन किया गया है. युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मितेन्द्र और NSUI के प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष चौकसे को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. जब हंगामा कर रहे छात्र नेताओं ने पुलिस के बैरीकेड्स पर चढ़कर जीवाजी यूनिवर्सिटी में अंदर जाने का प्रयास किया, तो पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर उनको खदेड़ दिया.
एनएसयूआई के छात्र अपनी मांगों को लेकर कुलपति से मिलना चाहते थे. लेकिन कुलपति के बाहर होने की वजह से छात्र मिल नहीं पाए और उससे पहले ही पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर जेल भेज दिया. युवा कांग्रेस द्वारा किए गए यूनिवर्सिटी घेराव की प्रमुख मांग यूनिवर्सिटी द्वारा बीए बीकॉम बीएससी में काम की गई सीटों को लेकर थी प्रदर्शनकारियों का कहना था कि हम अब तक कई बार शांति तरीके से ज्ञापन देकर यूनिवर्सिटी से सवाल कर चुके हैं आखिर सीटे कम क्यों की गई, लेकिन आज तक किसी वरिष्ठ अधिकारी द्वारा कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दिया गया. यह एक छात्र हितकारी आंदोलन है ताकि दूर-दूर से आने वाले छात्रों को शिक्षा का लाभ मिल सके.
पुलिस ने किया बल का प्रयोग
युवा कांग्रेस और एनएसयूआई द्वारा जो प्रदर्शन यूनिवर्सिटी को लेकर किया गया. उसमें संतोषजनक जवाब न मिलने पर और मांगे पूरी न होने पर छात्र नेताओं ने जब यूनिवर्सिटी के प्रवेश द्वार में प्रवेश करने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें रोका। इस दौरान झूमा झपटी तो देखने को मिली. साथ ही छात्रों के साथ और छात्र नेताओं के साथ पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा. इस दौरान छात्र नेताओं और छात्रों को खदेड़ते हुए पुलिस ने गाड़ी में बंद किया और जेल के लिए रवाना हो गई. युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र दर्शन सिंह का कहना था कि यह पूरी तरह से अन्याय है छात्रों के साथ पूरी तरह से बेईमानी की जा रही है और इस तरह की अराजकता को कांग्रेस कतई बर्दाश्त नहीं करेगी और इस तरह के प्रदर्शन निरंतर जारी रहेंगे.
ग्वालियर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कि सियाज का कहना था कि छात्र नेता और यूनिवर्सिटी के बीच बातचीत होनी थी. छात्र नेताओं का कहना था कि कुलपति को बुलाया जाए, तभी वह अपनी मांगे बताएंगे, लेकिन कुलपति फिलहाल यूनिवर्सिटी में मौजूद नहीं है. वह भोपाल हैं इसलिए छात्रों ने बातचीत करने से मना कर दिया और कैंपस में घुसने का प्रयास किया जिसको लेकर तत्काल उन्हें जेल भेज दिया गया है. इसके बाद एसडीएम मौके पर पहुंचकर आगे की कार्रवाई करेंगे.