MP News: मध्य प्रदेश में निर्मला सप्रे कांग्रेस-बीजेपी दोनों के लिए ही साइड कॉर्नर विधायक बन गई हैं. निर्मला की स्थिति यह है कि दल-बदल करने के बाद ना तो बीजेपी उनको लेने के लिए तैयार है. ना ही कांग्रेस, निर्मला भी तय नहीं कर पा रही हैं कि किस खेमे में जाएं. अब उनके विधायकी को लेकर कांग्रेस हाई कोर्ट का रुख कर रही है. इससे पहले नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने विधानसभा अध्यक्ष को निर्मला सप्रे के मामले में पत्र लिखकर फैसला लेने के लिए कहा था लेकिन सचिवालय की तरफ से कहा गया कि नेता प्रतिपक्ष की तरफ से कोई पत्र मिला नहीं है. इसके बाद अब कोर्ट का रुख कांग्रेस कर रही है.
निर्मला सप्रे का असमंजस, किस खेमे में रहें
लोकसभा चुनाव के दौरान बीना से कांग्रेस की विधायक निर्मला सप्रे ने पार्टी का साथ छोड़कर बीजेपी का हाथ पकड़ लिया. इसके बाद माना जा रहा था कि जल्द ही वह इस्तीफा देंगे लेकिन मध्य प्रदेश में दो उपचुनाव हो गए इसके बाद भी निर्मला किस खेमे में हैं. यह बड़ा सवाल उठ रहा है. उसके पीछे की वजह है कि निर्मला सप्रे ने अब तक स्पष्ट नहीं किया है कि वह कांग्रेस में हैं या फिर भाजपा में, बीजेपी ने भी यह तय नहीं किया कि निर्मला उनके साथ हैं या फिर उनके खिलाफ लेकिन कांग्रेस ने अपना स्टैंड क्लियर करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि निर्मला उनकी पार्टी में नहीं है.
ये भी पढ़ें: ग्वालियर में बेखौफ बदमाश, 9 लाख रुपये समेत ATM मशीन उखाड़ ले गए लुटेरे
अब ऐसे में पूरा फैसला लेने का अधिकार विधानसभा अध्यक्ष के पास है. 3 महीने का समय है. जिसके बीच में अध्यक्ष सप्रे को लेकर कोई फैसला लेंगे. विधानसभा में उनकी विधायकी बरकरार रहेगी या फिर उनका दल-बदल कानून के तहत सदन से बाहर कर दिया जाएगा. इस सबके लिए फिलहाल समय है लेकिन मध्य प्रदेश में एक बार फिर कांग्रेस ने निर्मला सप्रे को लेकर यह तय कर दिया है कि वह कांग्रेस के साथ नहीं है.
सप्रे के मामले में पिछले दिनों भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि निर्मला सप्रे से ही पूछना चाहिए कि वह आखिर वे किस तरफ हैं. हालांकि बीजेपी के अध्यक्ष को यह भी बताना चाहिए कि निर्मला जब उनकी पार्टी की बैठक में शामिल होती थी तो किस हैसियत से भाजपा नेताओं के बीच बैठती थी. विष्णुदत्त शर्मा यह जरूर बताया कि विधायक होने के नाते मुख्यमंत्री से जरूर मिलती थी. इधर कांग्रेस के विधायक और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार में स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस सप्रे के मामले में कोर्ट जाएगी.
अब राजनीति में कुछ नहीं बचा है- भगवान देव इसरानी
मध्य प्रदेश विधानसभा के पूर्व प्रमुख सचिव भगवान देव इसरानी का कहना है कि राजनीति में अब कुछ बचा नहीं है. राजनीति में अब कोई नैतिकता बची नहीं है. विधायकों के भीतर जो जनता के लिए बेहतर तरीके से सोच सके.
ये भी पढ़ें: 3 महीने में डिजिटल अरेस्ट का 65वां मामला, 14 दिनों तक महिला कारोबारी से 1.60 करोड़ रुपये ठगे
आखिर क्यों दिया था निर्मला ने कांग्रेस से इस्तीफा
सागर संभाग में आने वाली कांग्रेस के पास बीना ही एक ऐसी सीट थी. जिससे निर्मला सप्रे चुनकर विधायक बनी और विधानसभा पहुंची लेकिन क्षेत्र में विधानसभा को जिला बनाने की कोशिश में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी आ गई. सरकार ने भी निर्मला को भरोसा दिया लेकिन बीना जिला नहीं बन पाया.