MP News: मध्य प्रदेश में बीजेपी के भीतर नेताओं को जिम्मेदारी देने के लिए काफी मशक्कत हो रही है. संगठन के सामने चुनौती है कि कांग्रेस से आए नेताओं को मौका मिले लेकिन जिम्मेदारी देने की सूची में एक्स एमपी भी शामिल है. साध्वी प्रज्ञा सहित आठ सांसदों की पुनर्वास पर सस्पेंस बरकरार है. 3 महीने से अधिक समय होने के बाद भी उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं मिली है. हालांकि चुनाव प्रचार के दौरान पूर्व सांसद गायब रहे.
लोकसभा चुनाव का नतीजा कुछ भी रहे लेकिन एक सप्ताह बाद मध्यप्रदेश के 8 मौजूदा सांसदों का बेकाम होना तय है. 4 जून के बाद इनके नाम के आगे भूतपूर्व का तमगा जुड़ जाएगा. इनमें भोपाल की सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, सागर के राजबहादुर, बालाघाट में ढाल सिंह बिसेन और ग्वालियर सांसद विवेक शेजवलकर भी शामिल हैं. भाजपा संगठन ने इन सभी सांसदों को फिलहाल कोई नई जवाबदारी नहीं सौंपी है. इन सभी को अब अपने सियासी पुनर्वास की चिंता सताने लगी है. इसके विपरीत जनार्दन मिश्रा रीवा, रोडमल नागर, राजगढ़ और मंदसौर में सुधीर गुप्ता चुनावी मैदान में जीत की हैट्रिक लगाने की चिंता सता रही है. राजधानी भोपाल सहित आठों संसदीय क्षेत्रों में ये इन सभी सांसदों ने भारी अंतर से चुनावी जीत दर्ज 2019 में दर्ज कराई थी.
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ये सांसद हो जाएंगे भूतपूर्व
साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर भोपाल, राजबहादुर सिंह सागर, विवेक शेजवलकर ग्वालियर, ढाल सिंह बिसेन बालाघाट, छतरसिंह दरबार धार, रमाकांत भार्गव विदिशा एवं केपी सिंह यादव गुना, गुमान सिंह डामोर रतलाम
इन्हें हैट्रिक की चिंता
राजगढ़ से सांसद रोडमल नागर, मंदसौर के सुधीर गुप्ता और रीवा में जनार्दन मिश्रा को जीत की हैट्रिक लगाने की चिंता सता रही है. विदिशा, टीकमगढ़, गुना, मंडला जैसी सीटों पर भाजपा के वरिष्ठ नेता 5 से 7 वीं बार तक किस्मत आजमा रहे हैं.