panna tiger reserve: पन्ना टाइगर रिजर्व वैसे तो देश दुनिया में बाघो की बढ़ती हुई संख्या के लिए विश्व विख्यात है. लेकिन पन्ना टाइगर रिजर्व में कई बार बड़े ही दुर्लभ वन्यजीवो की भी मौजूदगी सामने आ चुकी है. ऐसी ही खुशखबरी अब सामने आई है. देश में पाए जाने वाले भूरे और हिमालियन भेड़ियो के बीच पहली बार पन्ना में काले भेड़ियो की मौजूदगी दिखी है. बाघ, चीते और तेंदुए से आबाद पन्ना टाइगर रिजर्व में फिशिंग केट के बाद दुर्लभ काले भेड़िये को किशनगढ़ बफर में कैमरे में कैद किया गया है. फील्ड डायरेक्टर पन्ना टाइगर रिजर्व ने बताया कि दुनिया में इनकी आबादी बहुत कम है. उनका संरक्षण भी बाघो की तरह ही महत्वपूर्ण माना गया है. क्योंकि निश्चित ही पन्ना टाइगर रिजर्व में इनकी मौजूदगी से पर्यटन में भी इजाफा होगा.
बतादें की काले भेडियो का पन्ना टाइगर रिजर्व में देखे जाना पन्ना टाइगर रिजर्व प्रबंधन के लिए सुखद और उत्साह पैदा करने वाली खबर है यदि इनकी संख्या बढ़ती है तो इससे यहां पर पर्यटक भी बढ़ेगा जिसका लाभ पन्ना टाइगर रिजर्व को मिलेगा. यही कारण है कि प्रबंधन के द्वारा काले भेड़ियो की सतत निगरानी की जा रही है. इससे पहले सिवनी में भी काला तेंदुआ दिखने और अगस्त 2021 में फिशिंग कैट के प्राकृतिक आवास की भी पुष्टि हुई थी.
देश में पाए जाते हैं दो तरह के ही भेड़िए
अभी देश में कुल दो तरह के भेड़िए पाये जाते हैं. पहले हैं भारतीय ग्रे वुल्फ जो कि मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में पाए जाते हैं. इसके बाद दूसरे हैं हिमालयीन प्रजाति के भेड़िए यह हिमालय के ऊपरी हिस्से हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और सिक्किम में पाए जाते हैं.
अप्रैल और मई साइट सीइंग के लिए बेस्ट मंथ
दरअसल गर्मी के मौसम में, खास कर अप्रैल और मई साइट सीइंग के लिए बहुत अच्छी होती है. इस मौसम में पानी की तलाश में वन प्राणी अपने इलाकों से बाहर आते हैं. ऐसे में काले भेड़िये का दिखना अच्छा माना जा रहा है.