Budni Medical Collage: मध्यप्रदेश में बनाए जा रहे दस से ज्यादा मेडिकल कॉलेजों के निर्माण में घटिया क्वालिटी के डुप्लीकेट सरिए का इस्तेमाल करने का आरोप कांग्रेस ने लगाया. मप्र कांग्रेस कमेटी महासचिव राकेश सिंह यादव ने बताया कि दस से अधिक मेडिकल कॉलेजों का निर्माण कार्य षड्यन्त्र पूर्वक एमपीबीडीसी एंव पीडब्ल्यूडी ने गुजरात राजकोट की कंपनी जे.पी. स्ट्रक्चर प्रा. लिमिटेड को दिया था. कंपनी ने एमपीबीडीसी के अधिकारियों के साथ मिलकर बुधनी सहित समस्त मेडिकल कॉलेजों में अमानक डुप्लीकेट सरिये का इस्तेमाल करके 100 करोड़ से ज़्यादा का घोटाला किया हैं. दो दिन पूर्व घोटाला उजागर करने के बाद एमपीबीडीसी के क्वालिटी कंट्रोल अधिकारी अजय श्रीवास्तव ने स्वीकार किया हैं कि देवास की सरिया फ़ैक्ट्री गणपति स्ट्रक्चर प्रा.लि. से जिंदल मार्का का अमानक डुप्लीकेट सरिया बुधनी मेडिकल कॉलेज में सप्लाई हुआ हैं. जबकि बुधनी मेडिकल कॉलेज में प्राइमरी सरिया ही लगाना टेंडर में निर्धारित था. लेकिन षड्यंत्र पूर्वक जिंदल के नाम से डुप्लीकेट सरिया लगाया गया. बुधनी में ही लगभग 16 करोड़ का घोटाला हुआ है. अभी तक बुधनी मेडिकल कॉलेज निर्माण में लगभग 7 हज़ार टन डुप्लीकेट सरिया लगाया गया हैं. डुप्लीकेट जिंदल मार्का सरिये और जिंदल पैंथर प्राइमरी सरिये के रेट में 7 हज़ार से 8 हज़ार रूपये टन का अंतर हैं. डुप्लीकेट सरिया बेहद सस्ता हैं. यादव ने सरकार को पत्र लिखकर घोटाले के जिम्मेदारों की जानकारी मांगी है.
जिम्मेदारों पर हो कार्रवाई
यादव ने सवाल उठाए है कि बुधनी मेडिकल कॉलेज में पिछले 5 माह से डुप्लीकेट जिंदल सरिया को प्राइमरी सरिया बताकर निर्माण में लगाया जा रहा है. देवास में जिंदल मार्का लगाकर डुप्लीकेट सरिया बनावाने के लिए ज़िम्मेदार जेपी कंस्ट्रक्शन प्रा.लिमिटेड के खिलाफ एफ़आइआर दर्ज कराकर ब्लैकलिस्ट किया जाए. बुधनी मेडिकल कॉलेज में डुप्लीकेट घटिया स्तर का 7000 टन सरिया निर्माण में उपयोग किया गया है. भविष्य में कुछ सालों बाद भवन जर्जर हो जाएगा, तब क्या होगा. मेडिकल कॉलेजों के निर्माण घोटाले में एमपीबीडीसी के कौन अफ़सर शामिल हैं, इसकी उच्चस्तरीय जॉंच करायी जाए.
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10 मेडिकल कॉलेज बनाने का ठेका एक ही कंपनी को
यादव के अनुसार घोटाले में आश्चर्यजनक तथ्य यह हैं कि घोटाला करने के लिए ही सभी मेडिकल कॉलेजों के निर्माण के लिए एक ही कंपनी को चुना गया है. मेडिकल कॉलेज डायरेक्टर ऑफ़ मेडिकल एजुकेशन के अंतर्गत आते हैं. लेकिन इस मामले में डॉयरेक्टर ऑफ़ मेडिकल एजुकेशन को बायपास कर सीधे एमपीबीडीसी और पीडब्ल्यूडी ने एक ही कंपनी को सभी मेडिकल कॉलेजों के निर्माण का काम से दिया. यादव ने मुख्यमंत्री एंव प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर शिकायत करने के साथ ही आर्थिक अपराध शाखा एंव लोकायुक्त में शिकायत दर्ज करायी हैं.