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MP News: बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र से 4.5 करोड़ का लोन लिया, फैक्ट्री की कीमत 45 लाख बताकर कारोबारी ने की स्टांप चोरी, EOW ने दर्ज किया मामला

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प्रतीकात्मक इमेज

MP News: राजधानी में स्टांप चोरी का एक अनोखा मामला सामने आया है. कारोबारी ने बैंक से फैक्ट्री की कीमत 4.5 करोड रुपए बताई लेकिन रजिस्ट्री के दौरान 45 लाख रुपए कीमत दर्ज कराई. कारोबारी कि करतूत की वजह से सरकार को स्टांप ड्यूटी में रिवेन्यू लॉस हुआ है. ईओडब्ल्यू ने कारोबारी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर दिया है.

गोविंदपुरा इलाके में फैक्ट्री के मालिक राजेश वाधवानी ने शिकायत करते हुए बताया कि रजिस्ट्री के माध्यम से डब्लू इंटरप्राइजेज को 4 करोड़ 50 लाख में फैक्ट्री बेची गई. विक्रय पत्र में मात्र 45 लाख रुपए की रजिस्ट्री दिखाई गई. जबकि बैंक ने लोन करने से पहले संपत्ति का 4 करोड़ 50 लाख रुपए वैल्यूएशन कराया था. इसके आधार पर 3 करोड़ 37 लाख रुपए का लोन हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी निवासी वकार रशीद को मिला. आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ने जांच के दौरान पाया कि लोन लेने के लिए वैल्यूएशन हुआ लेकिन रजिस्ट्री के दौरान वैल्यूएशन की कॉपी नहीं लगाई गई. विक्रय निष्पादन में स्टैंप ड्यूटी आदि का दायित्व खरीदने वाले पक्ष का होता है. इसलिए डब्लू इंटरप्राइजेज के मालिक वकार राशिद ने विक्रय पत्र में शेड और ऑफिस बिल्डिंग का मूल्यांकन जानबूझकर कम दिखाई. मध्य प्रदेश सरकार को राजस्व की हानि हुई है.

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ऐसे हुआ शिकायत के आधार पर खुलासा

आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ने कहा कि बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र को साल 2022 में लोन स्वीकृत करने में 7 महीने देरी से विक्रय पत्र दिया गया. इस पूरे मामले में फैक्ट्री खरीदने वाले वकार रशीद ने चार करोड़ 50 लाख में अनुबंध किया. अनुबंध को रजिस्टर्ड ना करते हुए विक्रय पत्र में संपत्ति मात्र 45 लाख रुपए का जिक्र किया. इससे सरकार को स्टांप ड्यूटी में हानि हुई है. स्टांप ड्यूटी का छलपूर्वक आरोपी ने फायदा उठाया. फर्जी दस्तावेज और कूटरचित दस्तावेज प्रस्तुत करने के मामले में आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी सहित कई अन्य आरोपी धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया.

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