MP News: मध्य प्रदेश में फाइनेंस डिपार्टमेंट से केंद्रीय एजेंसी सीएजी परेशान हो चुकी है. कई बार सरकार की आर्थिक और लोन की जानकारी मांगने के बाद भी वित्त विभाग ने सीएजी को रिपोर्ट नहीं दी है. जिसकी वजह से सरकार के आर्थिक मामलों को लेकर सीएजी की आडिट में देरी हो रही है. इस मामले में सीएजी ने राज्य सरकार को पत्र लिखा है.
सीएजी के पत्र के बाद वित्त विभाग ने सभी विभागों के एसीएस, पीएस और सेकेट्री को तलब कर लिया है. वित्त विभाग ने कहा कि है कि 31 मार्च 2024 को सीएजी ने जानकारी मांगी थी. इसके बाद भी अधिकारियों ने जानकारी नहीं भेजी. फिर भी सीएजी ने दूसरी बार पत्र लिखते हुए 7 जून तक रिपोर्ट भेजने के लिए कहा लेकिन अधिकारियों ने अबतक डेटा नहीं दिया है. जिसके बाद सीएजी ने नाराजगी जताते हुए मुख्य सचिव से शिकायत कर दी है. मामले पर संज्ञान लेते हुए एसीएस फाइनेंस को जल्द से जल्द सीएजी को जानकारी देने के लिए मुख्य सचिव ने निर्देश दिए हैं. इस मामले पर अधिकारियों को भी फाइनेंस डिपार्टमेंट ने तलब किया है, सीएजी को रिपोर्ट देने के साथ 26 जुलाई को बैठक के लिए मंत्रालय बुलाया गया है.
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इन मामलों पर सीएजी को अधिकारियों को देनी है रिपोर्ट
बजट के अतिरिक्त दायित्व (Off Budget Liabilities).
अदत्त देयकों के सम्बंध में दायित्व (Liabilities on Account of unpaid bills).
शासकीय लेखा के बाहर निधियों का संचालन ( Funds operated outside Government
Accounts).
बैंकों में रखी गई राशियां (Money kept in Bank Accounts),
पंचायती राज संस्थाओं को दिये अनुदान की बकाया राशि (Arrears of Grant of PRI’s).
आरक्षित निधि के नियम (Reserve funds rules).
एन्यूटी परियोजनाओं के अतिरिक्त अन्य जन निजी भागीदारी (Public Private Partnership) के अन्तर्गत निवेशित राशि की जानकारी.
सरकार द्वारा बजट में प्रस्तावित नई योजनाओं पर लिये गये नीतिगत निर्णयों का भविष्य के नकद प्रवाह पर प्रभाव से सम्बंधित जानकारी (Implication of Major Policy decisions taken by the Govt. on new schemes proposed in the budget for future cash flows).
सरकार द्वारा विभिन्न संस्थाओं को वस्तु के रूप में दिये गये सहायक अनुदान (Grant in aid given by the Government) की जानकारी.