MP News: प्रदेश में डॉग बाइट की तरह अब कैट बाइट के केस तेजी से बढ़ रहे हैं. प्रदेश में हर दिन औसतन 54 लोगों को बिल्लियां काटकर घायल कर रही हैं. मध्य प्रदेश में पिछले साल करीब 10 हजार लोग कैट बाइट के शिकार हुए थे. अप्रैल 2023 से मार्च 2024 तक इन केसों की संख्या करीब 20 हजार रही यानी बिल्लियों के काटने के मामले दोगुने हो गए हैं.
पिछले 2 साल में 39 हजार से ज्यादा मामले आए सामने
कैट बाइट के मामले में वर्ष अप्रैल 23- मार्च 24 में चार जिलों भोपाल, इंदौर, ग्वालियर व जबलपुर में सबसे ज्यादा दर्ज किए गए हैं. बिल्लियों को पालने का शौक लोगों में पिछले कुछ वर्षों में बढ़ा है. कैट के नाखून की खरोंच से भी बीमार होने का खतरा होता है. यदि टीकाकरण नहीं हुआ है तो बिल्ली लार में रैबीज वायरस होने की आशंका ज्यादा होती है. टीकाकरण होने पर इसकी संभावना बहुत कम होती है. प्रदेश में कैट बाइट की स्थिति अप्रैल 2022 से मार्च 2023 तक 10 हजार, अप्रैल 2023 से मार्च 2024 तक 19 हजार 953 केस सामने आए हैं.
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चार बड़े शहरों में कैट बाइट की स्थिति (आंकड़े साल 2024 के हैं)
शहर कैट बाइट
जबलपुर: 1,312
भोपाल: 2,280
इंदौर: 1,278
जबलपुर: 1,548
आम तौर पर लोगों में धारणा है कि बिल्ली के काटने से रैबीज नहीं हो सकता है. कुछ केस में एंटी रैबीज वैक्सीन नहीं लगाने के कारण वे रैबीज के शिकार हो जाते हैं. इसमें मृत्यु दर 100 फीसदी है. कैट बाइट होने पर एंटी रैबीज वैक्सीन लगवानी चाहिए इसमें लापरवाही से डॉग बाइट की तरह की लक्षण देखने को मिलते हैं.
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इसलिए काटती हैं बिल्लियां
पशु चिकित्सकों का कहना कि बिल्लियां जन्मजात शिकारी होती हैं लेकिन जब तक उन्हें कोई खतरा नहीं होता वे काटती नहीं हैं. कई बार पालक द्वारा खेल के दौरान बिल्ली को ऐसा महसूस होता है कि उस पर अटैक हो रहा है. जिस पर वे आक्रामक होकर हमला कर देती है. इसमें बिल्ली नाखून मारने के साथ दांतों से काट भी लेती है.