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MP News: 26 करोड़ का घोटाला करने वाली संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी की जांच के लिए दूसरी बार इंदौर आई CBI

Sanjeevani Credit Co-operative Society (Photo- Social Media)

संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी (फोटो- सोशल मीडिया)

MP News: देशभर में 1.46 लाख निवेशकों से एक हजार करोड़ से ज्यादा का घपला करने वाली संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी की जांच के लिए दिल्ली सीबीआई की टीम सोमवार को दूसरी बार इंदौर आई. कंपनी ने प्रदेश के इंदौर और धार में भी 600 से ज्यादा लोगों से 25.95 करोड़ की धोखाधड़ी की है.

CBI को अक्टूबर में देनी है रिर्पोट

मामले में इंदौर के एमआईजी और एरोड्रम थाने में दो और धार के कुक्षी थाने में एक केस दर्ज है. टीम को अक्टूबर में रिपोर्ट देनीं है. इसके चलते सीबीआई की टीम इंदौर आई थी. संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी ने 1 जनवरी 2016 को इंदौर में सहकारिता विभाग में रजिस्ट्रेशन करने के बाद इंडस्ट्री हाउस स्थित सागर बिल्डिंग में अपना हेड ऑफिस खोला था.

इसके अलावा 13 मार्च को चतुर्वेदी मेंशन में अपना दूसरा कार्यालय खोला था. एमपी में इस सोसायटी के संचालकों ने सहकारिता विभाग में निवेशकों से पैसा लेकर फर्जी लोन जारी करने बताकर अपना रजिस्ट्रेशन करवाया. फिर करीब 600 से ज्यादा लोगों से करोड़ों के निवेश करवा लिए. 25.95 करोड़ से ज्यादा निवेश आने के बाद 1 सितंबर 2019 को कार्यालयों में ताला लगाकर संचालक भाग निकले.

एक नजर घटनाक्रम पर

जुलाई 2020 में एमआईजी थाने में संचालकों के खिलाफ केस दर्ज किया गया. संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी घोटाले से राजस्थान में सियासी और कानूनी घमासान मच गया था. इस बीच एमपी सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. बाद में एसआईटी भी गठित हुई, लेकिन 2023 में केस सीबीआई को सौंप दिया गया. इसी मामले में सीबीआई की एक टीम 1 अगस्त 2024 को इंदौर आई थी. तब एमआईजी में 15 दिन में करीब 100 पीड़ितो के बयान थाने में लिए थे.

मामले में कुल 18 आरोपी बनाए गए

चूंकि सीबीआई को अक्टूबर 2024 तक जांच रिपोर्ट सौंपनी है. इसी के चलते कल डीआईजी रैंक के अफसरों की मौजूदगी में सीबीआई की टीम इंदौर पुलिस कंट्रोल रूम पहुंची और आमद दी. इसके बाद अधिकारी थाना एमआईजी, पलासिया और एरोड्रम व गांधी नगर में जांच के लिए पहुंचे. एक टीम धार के कुक्षी थाना क्षेत्र में भी सोसायटी से जुड़े लोगों की पड़ताल के लिए पहुंची. इस घोटाले के मास्टर सोसायटी के एमडी भूपेंद्र तेली और कथित संस्थापक लक्ष्मण शर्मा रहे हैं. इस मामले में 18 आरोपी बनाए जा चुके हैं, आधा दर्जन गिरफ्तारी हो चुके हैं, कुछ आरोपी जेल में तो कुछ जमानत पर बाहर हैं.

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