CBI Arrest case in MP: देश की सबसे भरोसेमंद एजेंसी सीबीआई इन दोनों मध्य प्रदेश में रिश्वत कांड के मामले में चर्चा में हैं. इस मामले में सीबीआई ने एक नया खुलासा किया है कि भोपाल में पदस्थ डिप्टी एसपी आशीष प्रसाद को भी आरोपी किया गया है. इंस्पेक्टर राहुल राज के अलावा ऋषिकांत, सुशील कुमार को पिछले दिनों गिरफ्तार किया था लेकिन इसमें दो और अफसर को भी रडार पर रख लिया गया है. क्योंकि डिप्टी एसपी के अलावा डीआईजी और स्पेशल एसपीबी जांच के दायरे में आ चुके हैं.
सीबीआई ने माना है कि अफसरों का कार्टेल इस पूरे मामले में रिश्वत ले रहा था. इसके लिए बाकायदा दलालों को भी शामिल किया गया. राहुल राज ने तो अपने राजस्थान में रहने वाले दोस्त को ही भोपाल बुला लिया और उसके जरिए रिश्वत की रकम इकट्ठा की. हालांकि सीबीआई 29 मई तक सभी आरोपियों से पूछताछ करेगी. जिसमें कई और अहम खुलासे होंगे लेकिन इससे पहले इस पूरे रिश्वतकांड की इनसाइड स्टोरी सिर्फ विस्तार न्यूज़ पर…
सीबीआई के अधिकारियों की माने तो सोर्स के जरिए यह जानकारी निकलकर सामने आई थी कि नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े के मामले में जांच करने वाले अधिकारी अब वसूली करने में उतारू हो गए हैं. बाकायदा 3 से 4 कॉलेज के मालिकों से रिश्वत की रकम भी ली गई है. यहां तक की हर कॉलेज मलिक को 2 से 10 लाख रुपए क्लीन चिट के लिए देने पड़ते थे. यानी की रिश्वत का रेट पहले से ही सीबीआई के अफसर ने तय करके रखा था. फिर दलालों को एक्टिव किया गया जो कॉलेज मालिकों के साथ सीबीआई की टीम के साथ डील करते थे और फिर रकम वसूलने का काम करते थे.
सीबीआई ने पटवारी को भी गिरोह में किया शामिल
हाई कोर्ट के निर्देश के बाद सीबीआई ने कॉलेज की जांच शुरू कर दी. टीम के साथ जांच के लिए पटवारी भी साथ में जाते थे. उन्हें भी सीबीआई ने गिरोह में शामिल कर लिया और रिश्वत का हिस्सा भी उन्हें देने लगे. हर पटवारी को 5 हजार से लेकर 20 हजार तक की रिश्वत दी जाती थी. सीबीआई ने जांच में यह भी पाया कि नर्सिंग अधिकारी, विशेषज्ञ और पटवारी के लिए रिश्वत की रकम निजी व्यक्ति पहुंचते थे. बिचोलिया जुगल किशोर सीबीआई निरीक्षण के दौरान ग्वालियर, रतलाम के जिलों में नर्सिंग कॉलेज के बीच डील कराता था. यानी कि सीबीआई की टीम जांच के साथ वसूली करने के लिए कॉलेज पर दबिश देती थी. मंदसौर उज्जैन से सीबीआई ने डॉक्टर एम बी शर्मा और कई कॉलेजों से संपर्क किया था. इंदौर, मंडलेश्वर, खरगोन और भी स्थान पर दबिश के साथ वसूली की थी. सीबीआई ने इंस्पेक्शन के दौरान कॉलेज को फिट घोषित करने का वादा किया और मोटी रकम ली.
हवाला के जरिए भेजी जाती थी रकम
सीबीआई ने जांच में पाया है कि कई बार इंस्पेक्टर राहुल राज के निर्देश पर जुगल किशोर शर्मा ने रिश्वत ली जाती थी. इसके बाद राधा रमन शर्मा के जरिए राहुल शर्मा को राजस्थान में सौंपी जाती थी. इंदौर से 16 लाख रुपए शर्मा के माध्यम से सीबीआई की टीम तक पहुंचाया गया. सीबीआई की तीन दिन रकम के साथ 400 ग्राम शुद्ध सोना यानी कि बुलियन सोना रिश्वत के तौर पर बुलाया. जिसे दिल्ली सीबीआई ने रेड करते हुए राहुल राज के घर से बरामद भी कर लिया है. भोपाल से सचिन जैन के ऑफिस से 10 लाख रुपए भी उठाए गए. जिसे हवाला के जरिए दूसरे राज्यों में भी भेजा गया है. सीबीआई रिश्वत के अलावा हवाला मामले की भी जांच कर रही है.