Vistaar NEWS

MP News: लंदन और जर्मनी जाएंगे सीएम मोहन यादव, निवेशकों से करेंगे चर्चा; ‘फ्रेंड्स ऑफ एमपी’ ने शुरू की तैयारी

Chief Minister Mohan Yadav will visit London and Germany to attract investors to invest in MP

सीएम मोहन यादव (फाइल फोटो )

MP News: मध्य प्रदेश में निवेश को लेकर राज्य सरकार लगातार रीजनल इन्वेस्टर्स समिट और इंटरएक्टिव सेशन कर रही है. देश-विदेश के निवेशकों को मध्यप्रदेश में निवेश के लिए तरह-तरह की सुविधाओं की घोषणा की जा रही है. राज्य और देश के अलग-अलग हिस्सों में जाकर सीएम डॉ मोहन यादव निवेश के लिए समिट कर रहे हैं. वहीं निवेशकों को एमपी में आकर्षित करने के लिए अब सीएम विदेश जाएंगे.

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बाद सीएम मोहन यादव विदेश जाएंगे. विदेश में सक्रिय ‘फ्रेंड्स ऑफ एमपी’ फिर से अलर्ट हो गया है. मुख्यमंत्री का विदेश दौरा तय होने के बाद सबसे पहले सूचना ‘फ्रेंड्स आफ एमपी’ संगठन को दी गई है. यह संगठन विदेश में मुख्यमंत्री मोहन यादव के इन्वेस्टर्स मीट को सफल बनाने के लिए काम में जुट गया है.

सीएम निवेशकों से करेंगे चर्चा

सीएम ग्लोबल इन्वेस्टर समिट से पहले खुद विदेश जाकर उद्योगपतियों को एमपी में निवेश करने के लिए आमंत्रित करने जा रहे हैं. मुख्यमंत्री मोहन यादव लंदन और जर्मनी की यात्रा के दौरान कारोबारी से निवेश के संबंध में चर्चा करेंगे. मुख्यमंत्री मोहन यादव के साथ उद्योग विभाग के अधिकारी भी विदेश जाएंगे. इससे पहले मुख्यमंत्री अधिकारियों के साथ चर्चा करेंगे. फ्रेंड्स आफ एमपी से जुड़े हुए लोगों से भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा करेंगे. सीएम रहते हुए मोहन यादव पहली बार उद्योगपतियों से विदेश में जाकर मध्य प्रदेश में निवेश लाने के संबंध में चर्चा करेंगे.

ये भी पढ़ें: एमपी की राह पर महाराष्ट्र; शादीशुदा बेटियों को अनुकंपा नियुक्ति देने की तैयारी

चर्चाओं में रहा था शिवराज का दौरा

मध्य प्रदेश के 18 साल तक मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान का सबसे ज्यादा चर्चित अमेरिका दौरा था. 24 अक्टूबर साल 2017 में शिवराज सिंह चौहान वॉशिंगटन डीसी में एक बयान देकर मध्य प्रदेश सहित देश भर में सुर्खियों में आ गए थे.

पहली बार दावोस जाने वाले मुख्यमंत्री थे कमलनाथ

एमपी के पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ थे, जो दावोस में ग्लोबल इन्वेस्टर समिति में शामिल हुए. कमलनाथ साल 2019 में दावोस गए थे. मध्य प्रदेश के लिए यह पहला मौका था. जब कोई मुख्यमंत्री विश्व आर्थिक सम्मेलन में शामिल हुआ. विदेश से वापस लौट के बाद कमलनाथ कुछ बड़े उद्योगपतियों से मध्य प्रदेश में निवेश करने को लेकर चर्चा की थी. 15 महीने के भीतरी उनकी सरकार चली गई.

Exit mobile version