MP News: इंदौर शहर में धर्मस्थलों से हटाए जा रहे लाउडस्पीकर के मामले में शहर काजी डॉ. इशरत अली ने आपत्ति दर्ज करवाई है. शहर काजी ने अपने समर्थको के साथ कलेक्टर से मुलाकात कर धर्मस्थलों से लाउडस्पीकर नही हटाने और सड़क पर तेज आवाज में डीजे बजाने वालों पर कार्रवाई करने की मांग की है. हालांकि मंदिरों से हटाए जा रहे लाउडस्पीकर को लेकर कोई हिंदू धर्म गुरु आपत्ति लेने नही पहुंचा है. वहीं लाउडस्पीकर हटाने पर कलेक्टर ने शासन के आदेशानुसार कार्रवाई करने की बात कही है. वही पुलिस इस कार्रवाई को लगातार जारी रखने की बात कह रही है. पिछले दिनों इंदौर आए डीजीपी ने धर्म स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने की कार्रवाई करने के निर्देश पुलिस को दिए थे, जिसके बाद इंदौर में 258 धर्म स्थलों से 437 लाउडस्पीकर हटाए गए थे.
सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन का दिया हवाला
इसको लेकर सोमवार को इंदौर शहर काजी ने कलेक्टर से मुलाकात कर कहा कि शासन का यह नियम सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के खिलाफ है. गाइडलाइन के अनुसार 55 डेसीमल से अधिक ध्वनि में लाउडस्पीकर बजाना मना है। हम इसे कम ध्वनि में लाउडस्पीकर बजा सकते है, इन्हे हटाया जाना गलत कार्रवाई है.
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शासन के आदेशानुसार है कार्रवाई
वहीं इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि शासन का आदेश सुप्रीम कोर्ट की सभी गाइडलाइनो के अनुसार ही है और शासन के कहे अनुसार ही सभी धार्मिक जगह से स्पीकर हटाए गए हैं.
आगे भी जारी रहेगी कार्रवाई
एडिशनल डीसीपी क्राइम ब्रांच राजेश दंडोतिया ने बताया कि शहर में ध्वनि विस्तारक यंत्र हटाने की कार्रवाई लगातार जारी है. इंदौर में पिछले दिनों 258 धर्मस्थलों से 437 ध्वनि विस्तारक यंत्र हटाए गए है और इसकी कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी. नियमों के अवहेलना करने वालों पर करवाई की जाएगी.
हिंदू पंडित पुजारियों को नही है आपत्ति
बड़ी बात यह है कि लाउडस्पीकर हटाने पर सिर्फ शहर काजी को ही तकलीफ हो रही है. मंदिरों से भी लाउडस्पीकर हटाए गए है, लेकिन इन्हे वापस लगवाने के लिए किसी भी मंदिर के पंडित पुजारी ने आपत्ति नही ली है. ऐसे में सवाल शहर काजी की मंशा पर भी उठते है.