MP News: केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने हाल ही में स्वच्छ वायु सर्वेक्षण-2024 की रिपोर्ट जारी की है, जो वायु प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण प्रगति की ओर संकेत करती है. इस सर्वेक्षण के अनुसार, दस लाख से अधिक आबादी वाले 47 शहरों में सूरत ने पहला स्थान प्राप्त किया है, जबकि जबलपुर और आगरा क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे हैं.
2023 में इस श्रेणी में इंदौर ने शीर्ष स्थान हासिल किया था, लेकिन इस वर्ष वह सातवें स्थान पर खिसक गया है. यह परिणाम इंदौरवासियों के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि यह शहर स्वच्छता और प्रदूषण नियंत्रण के मामलों में एक आदर्श माना जाता था.
राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम की भूमिका
स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2024 की रिपोर्ट ने स्पष्ट किया है कि वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) के तहत किए गए प्रयासों का सकारात्मक प्रभाव हो रहा है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य 133 शहरों की वायु गुणवत्ता में सुधार करना है, जो वायु प्रदूषण से गंभीर रूप से प्रभावित हैं.
सर्वेक्षण के दौरान, विभिन्न शहरों की वायु गुणवत्ता की स्थिति का मूल्यांकन किया गया और उन्हें स्वच्छता के विभिन्न मानकों पर अंक दिए गए. इन मानकों में कचरा जलाने, सड़क की धूल, औद्योगिक उत्सर्जन और वाहन प्रदूषण जैसे आठ मानदंड शामिल थे.
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सूरत की सफलता का रहस्य
स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2024 के अनुसार, सूरत ने 194 अंकों के साथ शीर्ष स्थान प्राप्त किया है. सूरत की इस सफलता का श्रेय प्रभावी शहरी प्रबंधन, सख्त प्रदूषण नियंत्रण उपायों और सामुदायिक भागीदारी को जाता है. जबलपुर ने 193 अंक और आगरा ने 190 अंक प्राप्त किए, जो कि स्वच्छ वायु की दिशा में इनके निरंतर प्रयासों को दर्शाता है.
अन्य शहरों की स्थिति
इस रैंकिंग में दिल्ली 11वें, रायपुर 12वें, वाराणसी 13वें, और पटना 14वें स्थान पर हैं. ये शहर भी वायु गुणवत्ता सुधारने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास कर रहे हैं, लेकिन अभी और सुधार की आवश्यकता है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के इस सर्वेक्षण से यह स्पष्ट है कि वायु प्रदूषण से निपटने के लिए निरंतर और समर्पित प्रयासों की आवश्यकता है. सूरत, जबलपुर और आगरा जैसे शहरों के उदाहरण यह दिखाते हैं कि सही दृष्टिकोण और प्रयासों के साथ वायु गुणवत्ता में सुधार संभव है.