MP News: देश भर में आज देवउठनी एकादशी का पर्व मनाया जा रहा है. इसे तुलसी विवाह भी कहा जाता है. मध्य प्रदेश में इस त्योहार को धूमधाम से मनाया जाता है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने देवउठनी एकादशी की सोशल मीडिया साइट एक्स(X) पर पोस्ट करते हुए बधाई दी है.
पावन देव प्रबोधिनी एकादशी एवं तुलसी विवाह की समस्त प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकमनाएं।
जगत पालक श्री हरि विष्णु एवं माता तुलसी की कृपा से सभी के जीवन में सुख, समृद्धि एवं आरोग्यता की प्राप्ति हो; यही प्रार्थना करता हूँ।#देवउठनी_एकादशी #तुलसी_विवाह pic.twitter.com/9v7rL3wf3o
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) November 12, 2024
सभी के जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति हो- सीएम
देवउठनी एकादशी की बधाई देते हुए सीएम ने सोशल मीडिया साइट एक्स(X) पर लिखा, ‘पावन देव प्रबोधिनी एकादशी एवं तुलसी विवाह की समस्त प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकमनाएं. जगत पालक श्री हरि विष्णु एवं माता तुलसी की कृपा से सभी के जीवन में सुख,समृद्धि एवं आरोग्यता की प्राप्ति हो; यही प्रार्थना करता हूं.’
ये भी पढ़ें: सुरेश पचौरी के बयान पर विभा पटेल का पलटवार, बोलीं- कांग्रेस में रहते हुए बीजेपी के एजेंट थे
मध्यप्रदेश में इसे ग्यारस के नाम से भी जाना जाता है. देवउठनी एकादशी कार्तिक शुक्ल की एकादशी को मनाई जाती है. ये दीपावली से 11वें दिन मनाया जाता है. इसे कई रूपों में लोग मनाते हैं. सामान्य रूप से देखा जाए तो ये त्योहार तुलसी विवाह के रूप में मनाया जाता है. ऐसा कहा जाता है कि आज के दिन माता तुलसी का भगवान शालिग्राम के साथ विवाह हुआ था. गन्ने का मंडप सजाकर लोग रात में पर्व को मनाते हैं. तुलसी और भगवान शालिग्राम का विवाह एक तरह से आनंद उत्सव की तरह मनाया जाता है.
शुभ कार्यों की शुरुआत होती है
शास्त्रों के जानकार कहते हैं कि आज के दिन भगवान विष्णु योगनिद्रा या नींद से जागते हैं. भगवान विष्णु के इस योगनिद्रा से जागने के बाद से ही शुभ कार्यों की शुरुआत होती है. आज के दिन से ही विवाह की शुरुआत हो जाती है. कई लोग देवउठनी एकादशी के दिन व्रत रहते हैं. भगवान विष्णु को समर्पित इस व्रत के दौरान चावल खाने की मनाही होती है. इसके साथ विष्णु उपासना की जाती है. रात में चंद्रमा की रोशनी में लकड़ी के पटे पर तुलसी और भगवान शालिग्राम को स्थापित करके पूजा की जाती है. मौसमी फलों और अनाज का भोग लगाया जाता है.