MP News: मध्य प्रदेश के बहुचर्चित नर्सिंग कॉलेज महाघोटाला सड़क से लेकर विधानसभा तक गूंज रहा हैं. अब इस घोटाले की गूंज देश के सर्वोच्च अदालत में भी सुनाई देगी. दरअसल, नर्सिंग कॉलेज घोटाले की शिकायतकर्ता व NSUI नेता रवि परमार ने मामले को सुप्रीम कोर्ट में जाने की तैयारी कर ली है.
सुप्रीम कोर्ट से स्टे मिले कांलेज की हो CBI जांच
परमार ने बताया कि नर्सिंग कॉलेज घोटाले में CBI जांच कर रहीं हैं लेकिन फर्जी निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर कुछ नर्सिंग कॉलेज जांच पर सुप्रीम कोर्ट से स्टे ले आएं हैं. हम माननीय सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर मांग करेंगे का इन कालेजों की भी सीबीआई से जांच कराई जाना चाहिए जिससे प्रदेश के समस्त नर्सिंग कॉलेजों की जांच निष्पक्ष हो सकेगी.
रवि परमार ने कहा कि हमने हमारे अधिवक्ता के साथ सुप्रीम कोर्ट के स्टे और कालेजों की निरीक्षण रिपोर्ट का परीक्षण कर एक रिपोर्ट तैयार की हैं. चुंकी, जिन कॉलेजों की निरीक्षण रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच पर रोक लगाई थी उस निरीक्षण रिपोर्ट में भी कई कमियां हैं. उन्हीं कमियों के तथ्यों को हम माननीय सर्वोच्च न्यायालय के सामने रख कर जो सीबीआई जांच पर रोक लगाई हैं वो हटाने की मांग करेंगे.
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हाईकोर्ट ने CBI को 364 नर्सिंग कॉलेज की जांच करने आदेश दिए
परमार ने बताया कि अप्रैल 2023 में ग्वालियर हाईकोर्ट ने सीबीआई को 364 नर्सिंग कॉलेज की जांच करने आदेश दिए थे. लेकिन 56 नर्सिंग कॉलेज उसके बाद सुप्रीम कोर्ट से स्टे ले आएं थे. उसके बाद सीबीआई ने 308 नर्सिंग कॉलेजों की जांच कर रिपोर्ट को 3 कैटेगिरी में विभाजित किया था जिसमें 169 सूटेबल , 73 डिफिसेंट, 66 अनसूटेबल थे. लेकिन सीबीआई ने फर्जी निरीक्षण रिपोर्ट तैयार की थी जिसका भी खुलासा हो चुका है. उसके बाद जबलपुर हाईकोर्ट ने सीबीआई को पुनः जांच करने के आदेश दिए हैं.
परमार ने कहा कि जब मध्यप्रदेश में नर्सिंग कॉलेज महाघोटाला उजागर हो चुका हैं तो फिर सभी नर्सिंग कॉलेजों की निष्पक्ष जांच होना चाहिए और जो नर्सिंग कॉलेज सुप्रीम कोर्ट से स्टे लेकर आए थे उसको लेकर और नर्सिंग घोटाले में संलिप्त दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग को लेकर हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.