MP News: भारत देश में 2014 से चीन का लहसुन प्रतिबंधित हैं. भारत की सीमाओं पर कड़ी चौकसी होने के पश्चात भी चीन का लहसुन देश के विभिन्न राज्यों की मंडियों तक पहुँचने का मतलब हैं कि देश की सीमाओं की सुरक्षा में गंभीर चूक हो रही हैं. एमपी कांग्रेस महासचिव राकेश सिंह यादव ने आरोप लगाया हैं कि केंद्र सरकार सीमाओं की सुरक्षा करने में विफल हो रहीं हैं.
चीन के लहसुन में फाइटोसैनिट्री का खतरा
केंद्र सरकार और भाजपा के नेता बड़े बड़े दावे करते हैं, लेकिन चीन से लहसुन की तस्करी रोकने में मोदी सरकार असफल साबित हुई हैं. एफएसएसएआई ने 2014 में चीन का लहसुन निर्यात करने एंव बिक्री करने पर बैन लगा दिया था. चीन के लहसुन के अंदर कैंसर पैदा करने वाले केमिकल की मात्रा बहुत ज़्यादा मिली थी. भारत सहित अनेक देशों ने चीन का लहसुन प्रतिबंधित कर रखा है. चीन के लहसुन में फाइटोसैनिट्री का सबसे बड़ा ख़तरा हैं. यूनाइटेड स्टेट्स इंटरनेशनल ट्रेड कमीशन की रिपोर्ट बताती है कि चीन के लहसुन पर कई सारे देश बैन लगा चुके हैं. कुछ सख्त नियमों को लागू कर चुके हैं. क्योंकि चीन में उगने वाले लहसुन में फाइटोसैनिट्री का खतरा पाया गया है. कांग्रेस महासचिव राकेश सिंह यादव प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मांग की हैं कि चीन का लहसुन तस्करी करके भारत के अनेक राज्यों में पहुँचाकर भारत को कैंसर पीड़ित देश बनाने का बड़ा षड्यंत्र हैं.
इन बिंदुओं के आधार पर सख़्त कार्रवाई की मांग की
(1) भारत की सीमाओं पर चौकसी कड़ी करनी चाहिए.
(2) केंद्र सरकार के फ़्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफ़टीए) की तत्काल पुनः समीक्षा करनी चाहिए.
(3) देश में किसी भी राज्य या मंडी में चीन का लहसुन मिलने पर सम्बंधित व्यक्तियों के खिलाफ रासुका एंव एनएसए के अंतर्गत एफ़आइआर दर्ज करके कार्रवाई होनी चाहिए.
(4) देश की विभिन्न मंडियों से चीन का लहसुन जप्त करके तत्काल नष्ट करना चाहिए.
(5) देश की सीमाओं पर लहसुन की तस्करी करने वाले व्यक्तियों, व्यापारियों एंव संग्रहकर्ताओं को चिंहित करके सख्त कार्रवाई के आदेश देने चाहिए.