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MP News: RSS को ISI का एजेंट बताने के मामले में दिग्विजय सिंह को बड़ी राहत, ग्वालियर के एमपी-एमएलए कोर्ट ने किया बरी

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दिग्विजय सिंह (फाइल फोटो)

ग्वालियर: कोर्ट से पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को आज ग्वालियर के एमपी एमएलए कोर्ट से बड़ी राहत मिली. यहां आरएसएस को लेकर दिए गए एक बयान को लेकर उनके खिलाफ यहां मानहानि का एक मामला चल रहा था जिसमें आज अदालत ने फैसला सुनाते हुए सिंह को बरी कर दिया. फैसला सुनाते समय दिग्विजय सिंह कोर्ट में मौजूद थे.

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का एक बयान आया था जिसमें उन्होंने भाजपा और बजरंग दल को आतंकवादी संगठन आईएसआई का सहयोगी बताया था. इस बयान को लेकर एडवोकेट अवधेश सिंह भदौरिया ने 2019 में ग्वालियर जेएमएफसी कोर्ट में एक मानहानि का केस दर्ज कराया था. भदौरिया द्वारा पेश याचिका पेश याचिका में उन्होंने खुद को भाजयुमो का विशेष आमंत्रित सदस्य बताया था.

इस पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की तरफ से दावा किया गया था कि याचिकाकर्ता भदौरिया भाजयुमो का मेम्बर या पदाधिकारी नही हैं. भदौरिया ने इसमें रिकॉर्ड पेश किया जिसमें बताया गया कि जब सतीश सिंह सिकरवार भाजयुमो के अध्यक्ष थे, उन्होंने ही भदौरिया को विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया था. दरअसल सतीश सिंह सिकरवार अब कांग्रेस से विधायक है और अब भदौरिया की नियुक्ति पत्र की पुष्टि के लिए ही उनका बयान होना है.

एमपी-एमएलए कोर्ट ने किया बरी

इस मामले में कई सालों तक चली सुनवाई के बाद आज फैसले की तारीख तय थी. इसके लिए दिग्विजय सिंह को भी नोटिस भेजा गया था, जिसके पालन के लिए दिग्विजय सिंह ग्वालियर आकर एमपी एमएलए विशेष कोर्ट में उपस्थित हुए. जज ने फैसला सुनाते हुए दिग्विजय सिंह को बरी कर दिया. दिग्विजय सिंह के वकील संजय शुक्ला ने बताया कि परिवाद को लेकर हमारा कानूनी आधार था. धारा 499 के अपवाद 9 के आधार पर न्यायालय ने बरी किया है. न्यायालय पर हमें पूर्ण विश्वास है कोर्ट ने माना कि वक्तव्य तो दिया गया और वह अखबारों में भी छपा था लेकिन परिवादी स्वयं अपने आरोप को सिद्ध नहीं कर पाए, इसलिए हमारे पक्षकार को अपवाद 9 के अंतर्गत बरी कर दिया गया.

दिग्विजय सिंह ने कहा था कि बजरंग दल की आईटी सेल का अध्यक्ष ध्रुव सक्सेना पकड़ाया गया था. उसने बताया था कि बजरंग दल के लोग आईएसआई से पैसा लेकर जासूसी करते हैं. मेरा भाजपा पर आरोप है कि उस पर देशद्रोह का मुकद्दमा क्यों नही चलाया गया? उसे जमानत मिल गई, उसे खारिज करने के लिए अपील क्यों नहों की गई.

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न्यायालय का फैसला है वह स्वीकार है: पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह

वहीं दोष मुक्त होने के बाद पूर्व सीएम दिग्विजय ने कहा है कि जो न्यायालय का फैसला है वह स्वीकार है. मेरे ऊपर अभी तक 6 केस चल रहे थे अब पांच रह गए हैं. आरएसएस ने मेरे खिलाफ मानहानि का दावा किया है और दो ओवेसी की पार्टी ने किया और एक बाबा रामदेव ने किया है. अगर मैं कोई सच बोलता हूं तो वह चुभता है, लेकिन सच्चाई की जीत होती है.

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