MP News: मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव हारने के बाद नेताओं पर निशानेबाजी शुरू हो गई है. प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार, राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर कार्यकर्ताओं और नेताओं ने हार का ठीकरा फोड़ दिया है. जल्द ही सभी नेताओं और लोकसभा चुनाव में उतरे दिग्गजों को दिल्ली से तलब किया जा सकता है. एनडीए की सरकार बनने के बाद एआईसीसी सभी नेताओं को दिल्ली में चर्चा के लिए बुलाएगी. समीक्षा के दौरान दिग्गजों के परफॉर्मेंस को लेकर भी हाई कमान फैसला करेगा.
पिछले दिनों लोकसभा चुनाव में करारी हार पर पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने प्रदेश कांग्रेस संगठन के काम पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने पीसीसी चीफ जीतू पटवारी के कार्यकाल की समीक्षा करने की मांग उठाई है. इतना ही नहीं पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने कमलनाथ और उनके बेटे नकुल नाथ पर भी सवाल खड़े करते हुए उन्हें भी एमपी में हुई करारी हार का जिम्मेदार ठहराया है. अजय सिंह ने कमलनाथ और नकुल नाथ का नाम लिए बगैर निशाना साधते हुए कहा कि दोनों के बीजेपी में जाने और फिर न जाने को लेकर जो असमंजस रहा, इस कारण भी पार्टी को शिकस्त का सामना करना पड़ा. इतने बड़े नेता के बीजेपी में जाने की सुगबुगाहट ने कार्यकर्ताओं का मनोबल तोड़ दिया.
अजय सिंह ने सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के कार्यकाल में बड़ी संख्या में नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन क्यों थामा. वहीं पार्टी को अब पटवारी से ये सवाल भी पूछना चाहिए कि अन्य दलों में जा रहे नेताओं और कार्यकर्ताओं को रोकने के लिये क्या कदम उठाए गए. पूर्व नेता प्रतिपक्ष तथा कांग्रेस विधायक अजय सिंह ने प्रदेश में कांग्रेस को मिली हार पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि इसकी व्यापक स्तर पर समीक्षा होनी ही चाहिए.
सिंह ने दावा किया कि इस हार से कांग्रेस के कार्यकर्ता हताश और निराश हैं, जो भविष्य के लिए ठीक नहीं है. पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हाई कमान को अब मध्य प्रदेश के लिए नई रणनीति तय करनी चाहिए. उन्होंने कमलनाथ के साथ दिग्विजय सिंह की भूमिका पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि ये दोनों दिग्गज नेता अपने क्षेत्रों से बाहर क्यों नहीं निकले. उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान इस बात की भी समीक्षा करें कि चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के समर्थन में कौन-कौन से दिग्गज नेता पहुंचे. अजय सिंह ने पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी और पूर्व प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत पर भी हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी में गए इन दोनों की अब कभी भी कांग्रेस में वापसी नहीं होनी चाहिए.
जीतू ही नहीं उमंग भी हार के जिम्मेदार
अजय सिंह ने कहा कि साल 2013 में उस समय हुई कांग्रेस की हार के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. इस बयान का सीधा संबंध वर्तमान नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार से जोड़ा जा रहा है. गौरतलब है कि इस बार आलाकमान ने प्रदेश में युवा कांग्रेस नेतृत्व को चुनावी बागडोर सौंपते हुए इलेक्शन से पहले जीतू पटवारी को प्रदेशाध्यक्ष और उमंग सिंघार को नेता प्रतिपक्ष बनाया था. इन दोनों नेताओं ने ही प्रदेश के अधिकांश टिकट फाइनल करने में सबसे अहम भूमिका निभाई थी. ऐसे में हार का ठीकरा इन्हीं दोनों पर फोड़ा जा रहा है.