MP News: मध्य प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और झाबुआ विधायक विक्रांत भूरिया ने जबलपुर हाईकोर्ट की शरण ली है. जीतू पटवारी और विक्रांत भूरिया की ओर से दायर की गई याचिका में जोबट थाने में दर्ज हुई एफआईआर को रद्द करने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है की दुष्कर्म पीड़िता की पहचान उजागर करने का झूठा आरोप लगाते हुए राजनीतिक के चलते एफआईआर दर्ज की गई है. याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार जोबट थाना पुलिस और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी किया है याचिका पर अगली सुनवाई अगस्त माह में होगी.
12 साल की नाबालिग के साथ घटी थी घटना
दरअसल अलीराजपुर जिले जोबट थाना क्षेत्र के ग्राम बड़ी खट्टाली में 26 अप्रैल को तड़के शादी समारोह में गई 12 साल की नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था. मामले में पुलिस ने तीन नाबालिगों के खिलाफ केस दर्ज किया है तीनों को गिरफ्तार कर बाल सुधारगृह भेजा गया है. इस मामले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पटवारी, झाबुआ विधायक विक्रांत भूरिया पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ पीड़िता के घर जाकर परिजनों से मुलाकात की. दोनों नेताओं ने अपने एक्स अकाउंट पर पीड़िता के स्वजन के साथ चर्चा के दौरान ली गई फोटो पोस्ट किया था.
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पुलिस ने दर्ज किया था मामला
इस पोस्ट को लेकर जोबट निवासी संगीता बघेल ने पुलिस को आवेदन दिया था. इसमें कहा गया था कि फोटो में पीड़िता के स्वजन और उसका घर दिख रहा है. इस आवेदन पर पुलिस ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पटवारी और झाबुआ विधायक भूरिया के खिलाफ आइपीसी की धारा 228ए, पाक्सो एक्ट की धारा 23 और किशोर न्याय अधिनियम की धारा 74 के तहत मामला दर्ज किया.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और विक्रांत भूरिया की ओर से हाईकोर्ट में अधिवक्ता वरुण तंखा ने पक्ष रखते हुए कहा जनप्रतिनिधि होने के नाते जीतू पटवारी और विक्रांत भूरिया ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की थी लेकिन इस दौरान पीड़िता की पहचान छुपाने का पूरा ध्यान रखा गया है जो एफआईआर दर्ज कराई गई है वह केवल राजनीतिक द्वैष भावनाओं के चलते ही दर्ज कराई गई है लिहाजा एफआईआर रद्द होनी चाहिए.