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MP News: कांग्रेस नेताओं का मोहभंग जारी, स्टेट वॉर रूम के सह प्रभारी अलमास सलीम ने दिया इस्तीफा, पार्टी पर लगाए कई गंभीर आरोप

Almas Salim, co-in-charge of Congress State War Room, resigned from all his posts.

कांग्रेस स्टेट वॉर रूम के सह प्रभारी अलमास सलीम ने अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया.

MP Congress: मध्य प्रदेश में कांग्रेस नेताओं का लगातार से मोहभंग जारी है. एक और कांग्रेस नेता ने इस्तीफा दे दिया है, जबकि वे स्टेट वॉर रूम के सह प्रभारी रहे. उनका नाम है, अलमास सलीम जो कि युवा चेहरा हैं और वकील भी हैं. विस्तार न्यूज़ से खासबात करते हुए उन्होंने बताया कि आखिर वह कौन से बड़े कारण थे जिनके कारण उनका इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा. इतना ही नहीं उन्होंने त्याग पत्र में पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही. इससे पहले वह राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भी पत्र लिख चुके हैं, जिसका कोई रिस्पांस नहीं आया इसलिए उनका असंतोष बढ़ता गया और उन्होंने यह कदम उठा लिया.

इस्तीफा देने के बाद किसी ने पूछा तक नहीं

अलमास का कहना है कि जब मैं इस्तीफा दे चुका हूं तो कांग्रेस के किसी नेता ने उनसे संपर्क नहीं किया वह इस्तीफा क्यों दे रहे हैं यह जानना भी जरूरी नहीं समझा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस  स्टेट वॉर रूम केवल नाम के लिए था फीता काटने के बाद कभी अध्यक्ष जीतू पटवारी झांकने तक नहीं आए. उसे कचोरी-समोसा खाने का केंद्र बना दिया गया था. कांग्रेस की सबसे बड़ी दिक्कत यही है जमीनी कैडर बर्बाद कर दिया. वरिष्ठ नेताओं की सुध नहीं ली तो युवाओं को भी अपमानित किया जा रहा है.

भाजपा का दामन थाम सकते हैं अलमास

विस्तार न्यूज़ से खास बातचीत में अलमास ने इशारा किया कि उनका भविष्य, वह उस पार्टी में देखते हैं जो प्रोग्रेसिव है और लगातार विकास की राह पर है. हालांकि उन्होंने भाजपा में जाने को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं बताई, लेकिन उनकी बॉडी लैंग्वेज साफ कह रही थी कि अंदर अंदर कुछ पक रहा है और वह भाजपा के नेताओं के संपर्क में हैं. ऐसे में अगले कुछ दिनों में तस्वीर साफ हो जाएगी कि वह किस राजनीतिक दल का दामन थाम कर अपनी हसरतों को परवान पर ले जाते हैं.

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अलमास के पिता मोहम्मद सलीम भी रहे हैं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता

बता दें कि, अलमास सलीम ने 18 मई को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतेन्द्र (जीतू) पटवारी को अपना त्यागपत्र भेजा था. इसमें लिखा है कि मैं औपचारिक रूप से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के भीतर अपनी प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं और कांग्रेस स्टेट वॉर रूम के सह-प्रमुख के रूप में अपनी भूमिका को त्याग रहा हूं. चार दशकों से मेरा परिवार पार्टी के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित रहा है, मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि मेरे पिता और मैंने जो पार्टी के लिए सेवा-समर्पण से काम किया है, उसका हमें ये परिणाम मिलेगा.

मुसलमानों के साथ तुष्टीकरण का आरोप

आगे त्याग पत्र में इस बात का भी जिक्र है कि, जिस तरह से मेरे और पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं के साथ जो दुर्व्यवहार हुआ है, उससे मेरा उत्साह काफी कम हो गया है. अपने पिता की विरासत का सम्मान करने की मेरी गहरी प्रतिबद्धता के बावजूद, पार्टी के लोकतांत्रिक ढांचे एवं मौजूदा समय में पार्टी के मुख्य पदाधिकारियों के रवैये से मेरा मोहभंग हो गया है. उनका कहना है कि जिस तरह से, महिलाओं के प्रति अपमानजनक भाषा का प्रयोग एवं मुस्लिम समाज की अपेक्षा एवं उन्हें सिर्फ वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करना बहुत चिंताजनक है, जो अभूतपूर्व स्तर पर पहुंच गया है. इसलिए, मैं एवं मेरे जैसे ज़मीनी स्तर के कार्यकर्ताओं के साथ हुए इस दुर्वह्वर से हताश होकर मैं अपना इस्तीफा सौंप रहा हूं.

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