MP News: मध्य प्रदेश सरकार में चर्चित IAS अधिकारी शैलबाला मार्टिन एक बार फिर चर्चा में हैं. मार्टिन ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट कर मंदिरों में लगे लाउड स्पीकरों से शोर होने का आरोप लगाया है. इस पोस्ट के बाद विवाद शुरू हो गया है. हिंदूवादी संगठनों ने मार्टिन की पोस्ट को लेकर विरोध जताया है. वहीं कांग्रेस ने पोस्ट पर सहमति जताई है.
क्या है शैलबाला मार्टिन का पोस्ट
सोशल मीडिया साइट एक्स पर IAS अधिकारी मार्टिन ने पोस्ट करते हुए लिखा, मंदिरों पर लगे लाउडस्पीकर, जो कई कई गलियों में दूर तक स्पीकर्स के माध्यम से ध्वनि प्रदूषण फैलाते हैं, जो आधी आधी रात तक बजते हैं उनसे किसी को डिस्टरबेंस नहीं होता.
और मंदिरों पर लगे लाउडस्पीकर, जो कई कई गलियों में दूर तक स्पीकर्स के माध्यम से ध्वनि प्रदूषण फैलाते हैं, जो आधी आधी रात तक बजते हैं उनसे किसी को डिस्टरबेंस नहीं होता🤔 https://t.co/rQ8axYQkre
— Shailbala Martin (@MartinShailbala) October 20, 2024
एक यूजर के सवाल का जवाब देते हुए लिखा, माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने शपथ लेने के साथ ही जो आदेश जारी किए थे उनमें समस्त धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर्स हटाने और डीजे पर प्रतिबंध शामिल था. ये बहुत सुविचारित आदेश था.यदि इस आदेश पर अमल करते हुए सभी समुदायों के धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर्स हटा दिए जाएं और डीजे बंद हो जाए तो सभी के लिए बड़ी राहत होगी.
माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने शपथ लेने के साथ ही जो आदेश जारी किए थे उनमें समस्त धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर्स हटाने और डीजे पर प्रतिबंध शामिल था। ये बहुत सुविचारित आदेश था।
यदि इस आदेश पर अमल करते हुए सभी समुदायों के धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर्स हटा दिए जाएं और डीजे बंद हो जाए…— Shailbala Martin (@MartinShailbala) October 21, 2024
हिंदूवादी संगठनों ने किया विरोध
मार्टिन की पोस्ट का हिंदूवादी संगठनों ने विरोध जताया है. संस्कृति बचाव मंच के अध्यक्ष पंडित चंद्रशेखर तिवारी ने कहा, हिंदू धर्म की आस्था कोई ठेस पहुंचाने का काम करेगा तो संगठन उसका विरोध करेगा. मंदिरों में सुरीली आवाज में आरती-मंत्रों का उच्चारण होता है, ना कि दिन में 5 बार लाउडस्पीकर पर अजान की तरह बोला जाता है.
कांग्रेस ने पोस्ट पर जताई सहमति
कांग्रेस ने आईएएस अधिकारी की पोस्ट पर सहमति जताई है. कहा कि बीजेपी सरकार में लाउडस्पीकर पर कार्रवाई राजनीति से प्रेरित होती है. धर्म देखकर लाउडस्पीकर पर कार्रवाई होगी तो एमपी के प्रशासनिक अफसर इस पर बोलने के लिए मजबूर हैं.