MP News: इंदौर की एक मस्जिद पर लगे पोस्टर पर विवाद गहरा गया. बीजेपी नगर उपाध्यक्ष और हिंद रक्षक संगठन के संरक्षक एकलव्य गौड़ की आपत्ति के बाद प्रशासन ने पोस्टर का आपत्तिजनक हिस्सा हटवा दिया है. बड़ी बात यह है कि यह पोस्टर उसी इलाके में लगा हुआ था जहां दीपावली के अगले दिन पटाखा चलाने की बात पर सांप्रदायिक तनाव फैल गया था.
पोस्टर से जुड़ा पूरा मामला क्या है?
इंदौर के छत्रीपुरा मेन रोड पर शिया मुस्लिम समाज की एक मस्जिद है. इस मस्जिद पर एक बड़ा पोस्टर लगा है. इस पोस्टर के ऊपरी हिस्से में एक गुंबद और 2 मीनारें हैं. इसके निचले हिस्से में बुरका पहनी हुई कुछ महिलाएं सामने से भगवा झंडे लेकर आ रहे हजारों लोगों को रोकने का प्रयास करते नजर आ रही हैं. इसके साथ ही पोस्टर के इस हिस्से पर अरबी भाषा में एक संदेश लिखा है. इस संदेश को गजवा-ए-हिंद का संदेश कहा जा रहा है.
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गजवा-ए-हिंद का पोस्टर लगाया गया था- एकलव्य गौड़
इसको लेकर विधायक मालिनी गौड़ के बेटे और बीजेपी नगर उपाध्यक्ष एवं हिंद रक्षक संगठन के संरक्षक एकलव्य सिंह गौड़ ने एक्स(X) पर पोस्ट किया, आरोप लगाते हुए लिखा कि भारत देश को मुस्लिम देश में बदलने को लेकर सहानुभूति दिखाते हुए यह गजवा-ए-हिंद का पोस्टर लगाया गया था. इस पर हमने आपत्ति ली है.
इंदौर के कागदीपुरा क्षेत्र में एक मस्जिद पर लगाया गया गजवा-ए-हिंद’ के आतंक को दर्शाता यह पोस्टर प्रशासन की शांति व्यवस्था को मुंह चिढ़ा रहा है।
प्रशासन से निवेदन है तत्काल संज्ञान में लेकर दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्यवाही करें।@DrMohanYadav51 @CMMadhyaPradesh @vdsharmabjp pic.twitter.com/Fy5rgkOwhb— Aklavya Laxman Singh Gaur (@aklavyagaur) November 3, 2024
पैगम्बर साहब की शहादत से जुड़ा फोटो- मुस्लिम पक्ष
वही इस पोस्टर को लेकर मस्जिद से जुड़े लोगों का कहना है कि यह पोस्टर अगस्त महीने में लगाया गया था. उस समय पाकिस्तान में दर्जनों शिया मुस्लिमों का सिर कलम कर दिया गया था. हमने उस घटना का विरोध करते हुए यह पोस्टर लगाया था. यह पोस्टर पैगम्बर मोहम्मद के परिवार की महिलाओं और बच्चियों द्वारा हमलावरों का विरोध करने को दर्शाता है. जो हमलावर हैं वो भी मुस्लिम ही हैं, वो भी नमाज पढ़ते हैं. इसमें लाल झंडे लगवाए थे लेकिन प्रिंट होने में वो भगवा लग रहे है. हमारा किसी भी समाज को आहत करने का उद्देश्य नहीं है. यह पैगम्बर साहब की शहादत से जुड़ा फोटो है.
पुलिस ने दोनों पक्षों से की बात
पुलिस ने इस मामले में दोनों पक्षों से बात की. शिया समाज के पदाधिकारी पुलिस अधिकारियों से मिलने भी पहुंचे. जिन्हें पुलिस ने पोस्टर का विवादित हिस्सा हटाने की समझाइश दी. इसके बाद मस्जिद के पोस्टर से विवादित हिस्सा हटा दिया गया.