Madhya Pradesh News: खरगोन में किसानों की परेशानी बढ़ती हुई नजर आ रही है. कपास वितरण के बनाई गई टोकन व्यवस्था किसानों का सिरदर्द बन गई है. प्रदेश में हीट वेब चलने के साथ ही किसानों को 42-43 डिग्री तापमान में घंटों इंतज़ार करना पड़ रहा है. लिहाजा किसानों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है. बीते गुरुवार किए गए प्रदर्शन के बाद अब पुलिस की व्यवस्था के बीच किसानों को बीज का वितरण किया जा रहा है. पुरुष और महिलाओं के लिए अलग-अलग लाइन की व्यवस्था की गई है.
बीज की वितरण व्यवस्था पर सरकार पर उठ रहे सवाल
बता दें कि, सरकार के इस व्यवस्था पर लगातार विपक्षी नेता और किसान पर सवाल उठा रहे हैं. 16 मई गुरुवार को खरगोन में नाराज़ किसानों ने भुसावल-चित्तौड़गढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग पर चक्काजाम कर दिया था. जिससे काफी देर तक जाम लगा रहा था. पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के इस मुद्दे को उठाने के बाद अब अरुण यादव ने भी बीज वितरण के मुद्दे को उठाया है. यादव ने चेतावनी दी है कि यदि वितरण ठीक से नहीं हुई तो वह किसानों के साथ आंदोलन शुरू करेंगे.
किसानों को मांग के अनुसार पर्याप्त कपास के बीज समय पर उपलब्ध कराये जायें ….
खरगोन में हमारे अन्नदाता साथियों और उनके परिवाजनों को भरी दोपहर में लम्बी लाईन में लगकर बीज प्राप्त करने के लिए भारी मशक्कत करनी पड़ रही है । इसके बावजूद उन्हें पर्याप्त मात्रा में कपास का बीज नहीं मिल…— Arun Subhash Yadav (@MPArunYadav) May 17, 2024
किसानों के साथ आंदोलन की चेतावनी
काग्रेस नेता अरूण यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा- ‘किसानों को मांग के अनुसार पर्याप्त कपास के बीज समय पर उपलब्ध कराये जायें. खरगोन में हमारे अन्नदाता साथियों और उनके परिवाजनों को भरी दोपहर में लम्बी लाईन में लगकर बीज प्राप्त करने के लिए भारी मशक्कत करनी पड़ रही है. इसके बावजूद उन्हें पर्याप्त मात्रा में कपास का बीज नहीं मिल रहा है.’
यादव ने आगे लिखा कि ‘हमारी मांग है कि किसानों को वांछित कपास के बीज पर्याप्त मात्रा में समय पर उपलब्ध कराये जायें. कपास बीज की कालाबाजारी को रोका जाए. यदि शासन प्रशासन ने कपास के बीज की वितरण व्यवस्था को ठीक नहीं किया तो हम भी सड़क पर उतरकर किसानों के साथ आंदोलन करेंगें. मांग के अनुरूप कपास के बीज के साथ ही अन्य बीज भी समय पर उपलब्ध कराये जायें.’
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दरअसल किसान खेत में बीटी काॅटन राशि 659 व नुजिवुड आशा की बुआई करना चाहते हैं, जिसकी बाजार में किल्लत बताई जा रही है. वहीं विशेष बीज की बढ़ती मांग को देखते हुए लगातार कालाबाजारी की शिकायतें आ रही हैं. इधर कृषि विभाग ने किसानों को बीज उपलब्ध कराने के लिए कृषि उपज मंडी में टोकन व्यवस्था शुरू की है. ऐसे में सैकड़ों किसान तीखी धूप में खड़े रहने को मजबूर हैं और आखिरी में उन्हें महज दो पैकेट बीज दिए जा रहे हैं.