MP News: आजकल साइबर ठगी के मामले बढ़ते जा रहे हैं. आम हो या खास कोई भी इससे बच नहीं पा रहा है. साइबर ठगों ने अब हाईप्रोफाइल लोगों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है. राजधानी भोपाल से ऐसा ही एक मामला सामने आया है. मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री कृष्णा गौर के बेटे और पूर्व सीएम बाबूलाल गौर के पोते साथ धोखाधड़ी साइबर ठगी हो गई.
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क्या है पूरा मामला?
मंत्री कृष्णा गौर के बेटे आकाश गौर ने बताया कि मार्च के महीने में उनके पास एक कॉल आया. कॉलर ने प्राइवेट कंपनी का कर्मचारी बताकर बात करने लगा. आकाश को लेबर सप्लाई का ठेका दिलाने की बात कहने लगा. कॉलर को आकाश ने कहा कि वे भी ठेकेदारी करते हैं. इस पर वे कॉलर की बात को सुनने लगे.
दोनों के बीच बात होते-होते टेंडर तक पहुंच गई. इसके लिए क्यूआर कोड पर एंट्री करनी होगी. काम अलॉट हो जाएगा. आकाश गौर ने पुलिस को बताया कि टेंडर पाने के लिए आपको वेंडर कोड जनरेट करना होगा. उसके लिए निर्धारित शुल्क जमा करने के लिए कहा. थोड़ी देर बाद ही साइबर ठगों ने उनके व्हाट्सएप पर एक क्यूआर कोड भेजा और उनसे फीस जमा करने के लिए कहा. आकाश उनके झांसे में आ गए. ठग के कहने पर 20 मार्च 2024 को अलग-अलग बैंक खातों से 3 लाख 19 हजार ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए. इसके बाद साइबर ठग ने फोन बंद कर लिया.
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— Vistaar News (@VistaarNews) November 12, 2024
मामले में एक आरोपी गिरफ्तार
मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने महाराष्ट्र के मुंबई से एक आरोपी सैफ अली चऊस को गिरफ्तार किया है. सैफ अली ने डीएसपी क्राइम की फर्जी मेल अकाउंट बनाया था. सैफ पर आरोप है कि जब पुलिस ने बैंक से अकाउंट फ्रीज करने के लिए मेल किया तो डीएसपी के फर्जी मेल से प्रोसेस होल्ड करने के लिए कहने लगा. इसके बाद बैंक ने तुरंत क्राइम ब्रांच को मेल करके सारी बात बता दी. इसके बाद कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया.
भले ही पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है लेकिन अभी भी एक आरोपी फरार चल रहा है. बताया जा रहा है कि मुख्य आरोपी राकेश यादव पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. यही सैफ के खाते में पैसे ट्रांसफर किया करता था.