MP News: शिवपुरी के कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी का नाम और फोटो इस्तेमाल कर किसी अज्ञात हैकर ने व्हाट्सएप पर फर्जी अकाउंट बना लिया. इस घटना के बाद, कलेक्टर ने सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है. उन्होंने आग्रह किया है कि यदि किसी को इस फर्जी अकाउंट से संदेश प्राप्त होता है, तो उसे तुरंत रिपोर्ट करें और ब्लॉक कर दें.
शिवपुरी कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी ने हाल ही में सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि उनके नाम और फोटो के साथ किसी ने व्हाट्सएप बिजनेस पर फर्जी अकाउंट बनाया है. यह फर्जी अकाउंट श्रीलंका से जुड़े एक नंबर (+94785909474) से बनाया गया है. कलेक्टर चौधरी ने यह भी बताया कि इस फर्जी अकाउंट का उद्देश्य लोगों को धोखा देकर उनसे पैसे ऐंठना हो सकता है.
सतर्कता बरतने की अपील
कलेक्टर ने जनता से अपील की है कि वे इस फर्जी अकाउंट से सतर्क रहें. उन्होंने विशेष रूप से कहा कि अगर किसी को उनके नाम से कोई संदिग्ध संदेश प्राप्त होता है, तो वे उसे तुरंत रिपोर्ट करें और नंबर को ब्लॉक करें.
साइबर ठगी के बढ़ते मामले
पिछले 48 घंटों में, मध्य प्रदेश में आधा दर्जन से अधिक ब्यूरोक्रेट्स साइबर ठगों के निशाने पर आ चुके हैं. उमरिया, धार, जबलपुर, शहडोल, सिवनी, और शिवपुरी के कलेक्टरों के नाम पर फर्जी प्रोफाइल बनाकर ठगों ने उनके करीबी रिश्तेदारों से मोटी रकम वसूलने की कोशिश की है. जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना के नाम से फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट बनाकर एक रिश्तेदार से 25,000 रुपये ठग लिए गए.
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फेक प्रोफाइल बना कर ठगी करना आसान
स्टेट साइबर एडीजी योगेश देशमुख का कहना है कि साइबर ठगों के लिए फेक प्रोफाइल बनाकर ठगी करना बहुत ही आसान हो गया है. ठग वीपीएन का उपयोग कर, किसी भी लोकेशन से, अपनी पहचान छिपाकर ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. उन्होंने जनता से आग्रह किया कि वे सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी पुलिस और साइबर सेल को दें.
जागरूकता ही ठगी से बचने का तरीका
बहरहाल, अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे ऐसे फर्जी अकाउंट्स के प्रति सतर्क रहें और यदि किसी को इस तरह की गतिविधियों की जानकारी मिलती है, तो वे तुरंत साइबर सेल और पुलिस को सूचित करें. अधिकारियों का मानना है कि सतर्कता और जागरूकता ही ऐसी ठगी से बचने का सबसे अच्छा उपाय है.
कृपया सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध संदेश को नजरअंदाज न करें. इस तरह की ठगी से बचने के लिए, संदिग्ध नंबरों को रिपोर्ट करें और ब्लॉक करें. साइबर ठगी की किसी भी जानकारी के लिए तुरंत पुलिस से संपर्क करें.