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MP News: दमोह जिला अस्पताल में बड़ी लापरवाही, 50 सिक्योरिटी गार्ड्स फिर भी गायब हो गई 4 दिन की नवजात बच्ची, पुलिस ने ढूंढ निकाला

4-day-old newborn girl went missing from the district hospital in Damoh.

दमोह में जिला अस्पताल से 4 दिन की नवजात बच्ची गायब हो गई.

MP News: दमोह जिला अस्पताल में बड़ी वारदात सामने आई हड़कंप मचा गया. जब 4 दिन की नवजात बच्ची करीब 50 से अधिक सिक्योरिटी गार्डो की कड़ी सुरक्षा के बीच से बच्चा वार्ड से उसका अपरहण हो जाता है.ये पूरी घटना गुरुवार के दिन के करीब 4:39 मिनिट की बताई जा रही है. वहीं वारदात के बाद पुलिस ने किडनैपर महिला की लोकेशन ट्रेस करते हुए बच्ची को बरामद कर लिया.

पहले भी हो चुकी है घटनाएं

दरसअल,ऐसा पहली बार नहीं हुआ जब MP का दमोह जिला अस्पताल मीडिया की सुर्खियों में आया हो बल्कि जिला अस्पताल के अंदर कई ऐसी घटनाएं हुई है. पहली घटना 25 जुलाई 2024 को सामने आई जहां विगत 20 दिनों में पांच प्रसूता महिलाओं की ऑपरेशन के बाद तबियत बिगड़ी और अलग अलग जगहों पर उनकी मौत हो गई. जिसके बाद तमाम प्रकार का हंगामा खड़ा होता है, दोषियों पर कार्रवाई की वजह CMHO और सिविल सर्जन को पद से हटा दिया गया. इसके बाद मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है, सवाल घूम फिरकर वहीं आ खड़ा होता है कि आखिर ऑपरेशन किसने किया और कौन- कौन उस दौरान ऑपरेशन कक्ष में मौजूद था. किसकी चूक की भरपाई महिलाओं को 1-1 कर अपनी मौत से चुकानी पड़ी ये जांच फिलहाल अधूरी है.

17 अगस्त को दबंगों ने की तोड़फोड़

दूसरी घटना 17 अगस्त को सामने आई जब असामाजिक तत्वों ने जिला अस्पताल के अंदर घुसकर देर रात तोड़फोड़ कर दी. दूसरी सुबह जब ओपीडी कक्ष की साफ सफाई करने सफाईकर्मी पहुचे तो सारा सामान बिखरा पड़ा हुआ था. टूटा फूटा कम्प्यूटर और कागज के पन्ने फटे हुए जमीन पर पड़े हुए थे. जिसकी शिकायत जिला अस्पताल प्रबधंन ने सिटी कोतवाली में दर्ज कराई थी. पुलिस ने जब जिला अस्पताल के CCTV कैमरे खंगालने चाहे तो करीब 10 से 12 कैमरे ही चालू हालत में पायेंगे. जिस वजह से पुलिस तोड़फोड़ करने वाले आरोपियों को पकड़ने में नाकाम रही. जिला अस्पताल के अंदर हुई तोड़फोड़ कोई सामान्य घटना नहीं थी. जिसकी जांच पड़ताल कहा तक पहुचीं इसका कुछ अता पता नहीं.

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कड़ी सुरक्षा के बीच बच्ची का गायब हो चिंता का विषय

तीसरी घटना जोकि गुरुवार को करीब 4 बजकर 39 मिनिट पर जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड में घटित हुई है. जो बेहद चौकाने वाली है. करीब 150 से अधिक CCTV कैमरों से लेस जिला अस्पताल, चप्पे चप्पे पर करीब 50 से अधिक सिक्योरिटी गार्डो की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था होने बाद भी एक अज्ञात महिला बिना किसी रोकटोक के जिला अस्पताल के अंदर दाखिल होते हुए बच्चा वार्ड तक पंहुच जाती हैं और उक्त महिला तब तक बच्चा वार्ड के अंदर बैठती हैं. जब तक उसके मंसूबे पूरे नहीं हो जाते उक्त महिला पूरी प्लानिंग के साथ सबसे पहले पथरिया के उमराव गांव की रहने वाली वर्षा आदिवासी और उसके परिजनो से बातचीत कर मेलजोल बढ़ाती हैं. बाद जैसे ही वर्षा आदिवासी ने कुछ देर के लिए अपनी आंखें झपकाई तत्काल उक्त महिला बच्ची को लेकर रफूचक्कर हो जाती हैं.

आनन-फानन में मामले की जानकारी सिटी कोतवाली पुलिस को लगती है.मौके पर पहुचे टीआई आंनद सिंह जिला अस्पताल से लेकर शहर के चप्पे चप्पे पर लगे CCTV कैमरे फूटेज को खंगालने में जुट जाते हैं. जब देर रात तक बच्चे का कोई सुराग हाथ नहीं लगता तो अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर से बाहर जाने वाले सभी रास्तों पर नाका बंदी करने के आदेश जारी कर बस स्टैंड से लेकर रेलवे स्टेशन तक उक्त महिला की तलाश करने में पुलिस जुट जाती है.

घटना का CCTV फुटेज आया सामने

हर एक CCTV कैमरा खंगालने के बाद सिटी कोतवाली पुलिस को जैसे तैसे एक CCTV फुटेज मिलता है. जिसमें एक महिला बच्चे को गोद में लिये हुए जिला अस्पताल से बाहर जाते हुए दिखाई देती है.जिसके बाद पीड़ित परिजनो ने उक्त महिला की पुष्टि की. जिसके बाद दमोह पुलिस उक्त महिला की लोकेशन ट्रेस करने में जुट जाती है. शातिर महिला ऑटो रिक्शा की मदद से अपनी लोकेशन बदलते हुए जटाशंकर कॉलोनी में स्थित अपने घर पर बच्ची को लेकर पहुच जाती है और अपने परिजनों को झूठा आश्वासन देकर भरोसा दिलाती हैं कि इस बच्ची को उसने अभी अभी जन्म दिया है.

पुलिस ने 6 घंटे के भीतर बच्ची को बरामद किया

देर रात करीब 10 बजे के आस पास पुलिस की सूझबूझ और तत्परता से लोकेशन को ट्रेस कर जटाशंकर कालोनी में मौजूद उक्त महिला की पहचान लक्ष्मी सेन नाम से होती हैं. जिसके घर पर पुलिस ने दबिश देकर बच्ची को दष्तयाप्त कर जिला अस्पताल लेकर पहुची. जिसके बाद जिला कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर और पुलिस कप्तान श्रुतकीर्ति सोमवंशी मौके पर पहुचे और उन्होंने बताया कि वर्षा आदिवासी और उसके परिजनों ने उक्त बच्ची की पहचान कर उसे अपना बताया है.

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