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MP News: देवी अहिल्या विश्वविद्यालय का डिजिटल कदम, अब ऑनलाइन होगी परीक्षाओं की मूल्यांकन प्रक्रिया

Devi Ahilya University

देवी अहिल्या विश्वविद्यालय

MP News: ए प्लस नैक ग्रेड प्राप्त देवी अहिल्या विश्वविद्यालय एक बड़े परिवर्तन की राह पर है. डीएवीवी परीक्षा प्रक्रिया के बेहद महत्वपूर्ण कार्यों में से एक मूल्यांकन कार्य को ऑनलाइन करने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए डीएवीवी में शिक्षक, प्रोफेसर, अधिकारी कर्मचारियों की ट्रेनिंग हुई. डीएवीवी पायलट प्रोजेक्ट के तहत बीसीए, बीबीए, एमबीए जैसे प्रोफेशनल कोर्सेज़ में सबसे पहले ऑनलाइन वैल्यूएशन शुरू करेगा.

ऑनलाइन चेक हो सकेंगी कॉपियां

वहीं डीएवीवी के एग्जाम कंट्रोलर अशेष तिवारी देवी अहिल्याबाई विश्वविद्यालय एक नए प्रोजेक्ट पर काम करने जा रहा है, जिसमें जो भी एग्जाम होते हैं और जो कॉपी आती हैं, उनका ऑनलाइन इवैल्यूएशन अब हम अपने एग्जामिनर से कराएंगे. इससे ट्रांसपोर्टेशन चार्जेस बचेंगे और एवलुएटर आराम से अपने घर पर बैठकर ऑनलाइन कॉपी चेक कर सकेंगे. इससे कैलकुलेशन में गलती भी नहीं होंगी. एक प्रेजेंटेशन भी हुआ, जिसमें हमने सभी टीचर को बुलाया था. काफी अच्छा फीडबैक आया है. अभी हम और विचार कर रहे हैं इस पर और फिर इसे जल्दी ही लागू करेंगे.

सिक्योरिटी कैसे रहेगी

इसमें सिक्योरिटी के लिए फेस रीडिंग रहेगी. पूरा फेस हमारा कंप्यूटर रिकग्नाइज करेगा. जब तक एक्सामिनर खुद नहीं बैठेगा तब तक इवैल्यूएशन शुरू नहीं होगा. पासवर्ड, ओटीपी फीचर इसमें हम डालेंगे. जो एक्सामिनर होगा उसके फोन पर ओटीपी आएगा, जिससे इवैल्यूएशन शुरू होगा. इवैल्यूएशन की मॉनिटरिंग भी हम लोग कंट्रोल रूम से करेंगे.

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स्टूडेंट्स को क्या फायदा होगा

इससे स्टूडेंट्स जो कॉपी रिव्यू के लिए डालते हैं, उन्हें दूर से आना पड़ता है, जिससे उनका समय और किराया बहुत जाता है। इस प्रोजेक्ट के आने से जो बच्चे रिव्यू डालेंगे, हम उनकी पूरी कॉपी ईमेल पर भेज देंगे जिससे स्टूडेंट को यूनिवर्सिटी आने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

डीएवीवी के अनुसार इस ऑनलाइन मूल्यांकन कार्य के लिए सुरक्षा और गोपनीयता के तमाम पहलुओं का ध्यान रखा जा रहा है. इनमें मूल्यांकन पूर्व उत्तरपुस्तिकाओं की स्कैनिंग, कोडिंग, कंप्यूटर पर अपलोडिंग, लॉगिन, फेस रिकग्निशन फीचर जैसे पहलू शामिल किए गए हैं. डीएवीवी की योजना है कि ऑनलाइन मूल्यांकन को पारंपरिक कोर्सेज़ की परीक्षाओं में लागू करने से पहले इसे बीसीए, बीबीए, एमबीए जैसे प्रोफेशनल कोर्सेज़ में लागू किया जाए. इसकी सफलता दर के आधार पर फिर डीएवीवी द्वारा निर्णय लिया जाएगा.

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