MP News: बुधवार की रात करीब 12 बजे अचानक अधीक्षक डॉ राहुल मिश्रा और डीन डॉ सुनील अग्रवाल संजय गांधी अस्पताल पहुंचे. किसी भी कर्मचारी और डॉक्टर को उनके पहुंचने की जानकारी नहीं थी. सभी हर दिन की तरह की काम कर रहे थे. जैसे ही दोनों ने एमरजेंसी वार्ड की तरफ इंट्री ली. शुरू में ही हेल्प डेस्क के पास ही अधीक्षक का गुस्सा कर्मचारियों फूट पड़ा. मौके पर मरीजों के लिए स्ट्रेचर पड़ा था लेकिन उसमें गद्दे नहीं डाले गए थे. गद्दे कमरे के अंदर रखे थे. इस पर अधीक्षक ने कड़ी फटकार लगाई. तब जाकर कर्मचारियों को होश आया. उन्होंने आनन फानन में गद्दे लगाए. इस लापरवाही पर ड्यूटी में तैनात तीन कर्मचारियों का वेतन काटने का आदेश जारी किया. इसके बाद वह सीधे एमरजेंसी वार्ड पहुंचे. सर्जरी और मेडिसिन विभाग का निरीक्षण किया. यहां नर्सों और ड्यूटी पर मौजूद डाक्टरों की जानकारी ली. दवाइयों का स्टॉक एक महीने का रखने का नर्सों को निर्देश दिया. इसके अलावा पीजी छात्रों से भी उनकी जरूरतों की जानकारी ली. बेड सीट की कमी का जिक्र पीजी ने किया. अधीक्षक ने तुरंत की व्यवस्था के निर्देश दिए. इसके बाद डीन और अधीक्षक सीधे सोनोग्राफी कक्ष पहुंचे. यहां निरीक्षण किया. यहां रात में भी सोनोग्राफी सुविधा चालू हालत में मिली. डॉक्टर मौजूद रहे. यहां से निकल कर दोनों अधिकारी गांधी मेमोरियल वार्ड पहुंचे. उन्होंने ट्राइएज रूम का निरीक्षण किया. यहां से निकल कर वह लेबर रूम पहुंचे. लेबर रूम में उन्होंने मरीजों का हाल चाल जाना। डॉक्टरों की जानकारी ली.
लेबर रूम में एक नोटिस चस्पा की गई थी. इसमें लिखा था आक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध नहीं है. इस पर भी अधीक्षक और डीन ने नाराजगी जताई. तुरंत नोटिस को हटाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि यह किस लिए चस्पा किया गया है. इस पर पता चला कि यहां के सिलेंडर गायब हो गया है. अधीक्षक ने तुरंत नया सिलेंडर इश्यू कराने के निर्देश दिए. वार्ड से निकलते समय. पैरदान ग्रिल में फंसी हुई थी. इस पर भी वह सुरक्षा गार्ड पर भड़क गए. वेतन काटने के निर्देश दिए.
ये भी पढ़ें: ग्वालियर में शर्मसार कर देने वाली घटना, बेटी पैदा होने पर ससुराल वालों ने महिला को पिलाया जहर, होश आने पर हुआ खुलासा
सफाई पर जताई आपत्ति
लेबर रूम से निकल कर अधीक्षक और डीन दोनों न्यू मेटरनिटी विंग पहुंचे. यहां पर वार्ड में भर्ती मरीजों की स्थिति देखी. साफ सफाई का अवलोकन किया. यहां भी सफाई पर आपत्ति जताई गई. स्टाफ नर्स सिर्फ एक ही थी. इस पर भी अधीक्षक ने आपत्ति दर्ज की. वहीं स्टाफ नर्स ने दो बाथरूम में ताला लगे होने की जानकारी दी. स्टाफ के लिए शौचालय नहीं होने पर कंपनी के सुपरवाइजर को तुरंत व्यवस्था के निर्देश दिए. इसके अलावा वार्ड में कूलर तो लगे थे लेकिन गर्मी कम नहीं हो रही थी. एक्जास्ट नहीं था. तुरंत एक्जास्ट लगाने के निर्देश दिए गए. डीन और अधीक्षक ने न्यू मेटरनिटी विंग में बने लेबर कक्ष का भी अवलोकन किया. नए एसी युक्त लेबर कक्ष बने थे लेकिन यहां पर डिलिवरी नहीं हो रही थी इस पर उन्होंने एचओडी को नए मेटरनिटी विंग में भी डिलिवरी कराने की बात कही.
कंपनी के सुपर वाइजर को लगाई कड़ी फटकार
डीन और अधीक्षक प्रसव पूर्व वार्ड का अवलोकन करने के बाद सीधे तृतीय तल मेडिसिन में आईसीयू 2 में पहुंचे. आईसीयू में कोई भी नर्स नहीं थी. सिर्फ पीजी छात्र थे. वार्ड में गंदगी का आलम था. एक मरीज से डीन से व्यवस्थाओं और सुविधाओं की जानकारी ली तो उसने बताया कि आईसीयू में काकरोच, मच्छर और मक्खी हैं. गंदगी बहुत है. इस पर अधीक्षक ने कंपनी के सुपर वाइजर को कड़ी फटकार लगाई. तुरंत साफ सफाई के निर्देश दिए. यहां से आईसीयू 2 में पहुंचे. दीवार पर जाले लगे थे. इसे देखकर अधीक्षक आग बबूला हो गए. उन्होंने कंपनी पर तुरंत 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाने के निर्देश दिए. साथ ही आईसीयू में एसी चल रही थी लेकिन सीसे टूटे हुए थे. इससे ठंडक नहीं बन पा रही थी. उन्होंने इस पर भी फटकार लगाई.
निरीक्षण के दौरान कहीं भी साफ सफाई होती नजर नहीं आई. चारों तरफ बदबू और गंदगी थी. इस पर अधीक्षक ने कंपनी के सुपर वाइजर को कड़ी फटकार लगाई. उन्होंने कहा कि 1 करोड़ रुपए सिर्फ सफाई सामग्री के लिए दे रहे हैं लेकिन क्वालिटी नहीं है. फिनाइल थर्ड क्वालिटी का है. फिनाइल से पोछा लगाने के लिए कहा गया. जगह जगह पर दीवारों पर फीक दिखा. इसे साफ करने के भी निर्देश दिए. अधीक्षक और डीन के निरीक्षण से पूरे अस्पताल में हड़कंप की स्थिति मची रही. अधीक्षक और डीन ने मेडिसिन जनरल वार्ड का भी अवलोकन किया.