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MP News: धार भोजशाला में ASI का 43वें दिन का सर्वे पूरा, मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टली

dhar bhojshala

धार जिले में स्थित भोजशाला लंबे समय से विवाद में रही है.

Dhar Bhojshala: धार की भोजशाला कमाल मौला मस्जिद में एएसआई टीम ने आज 43 वें दिन का सर्वे कार्य पूरा हो गया. 3 मई को शुक्रवार होने के कारण सर्वे का काम दोपहर तक ही हुआ. इसदिन मुस्लिम समुदाय यहां नमाज अदा करता है. ASI टीम के 19 अधिकारी और 24 मजदूरों ने भोजशाला में सर्वे कार्य किया. वहीं केस के लिस्टेड नही हो पाने से मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नही हो सकी. अब मुस्लिम पक्ष को दी अगली तारीख की सूचना जाएगी.

हिंदू पक्षकार का दावा- मिले हुए सिक्के परमार काल के

हिन्दू पक्षकार गोपाल शर्मा के मुताबिक भोजशाला में 42वें दिन तक पहले हुए सर्वे के दौरान परिसर में पश्चिम की ओर मिट्टी हटाई गई. साथ ही पिछले दिनों मिले तीन से चार सिक्कों की क्लीनिंग की गई. ताकि पता चल सके सिक्के किस काल के हैं. हिंदू पक्षकार ने दावा किया कि यह सिक्के परमार कालीन हैं.

क्या है पूरा मामला

एएसआई के द्वारा संरक्षित ऐतिहासिक भोजशाला परिसर को हिन्दू पक्ष वाग्देवी (सरस्वती) का मंदिर मानते हैं, जबकि मुस्लिम समुदाय इसे कमाल मौला की मस्जिद बताता है. इसी ‘हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस’ नामक संगठन की याचिका दायर की थी जिसके बाद  हाई कोर्ट की इंदौर पीठ ने 11 मार्च2024 को सुनाए आदेश में कहा था, ‘‘ इस अदालत ने केवल एक निष्कर्ष निकाला है कि भोजशाला मंदिर-सह-कमाल मौला मस्जिद परिसर का जल्द से जल्द वैज्ञानिक सर्वेक्षण और अध्ययन कराना एएसआई का संवैधानिक और कानूनी दायित्व है.

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मुस्लिम समुदाय ने तहसीलदार को सौपा ज्ञापन

बता दें कि मुस्लिम पक्ष की ओर से लगाई गई एसएलपी पर SC ने राज्य सरकारी को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब पेश करने के लिए कहा था. अब सुनवाई टलने के बाद अगली तारीख की सूचना मुस्लिम पक्ष को दी जाएगी. वहीं सर्वे के बाद मुस्लिम समाज ने नमाज अदा करने के बाद तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में न्यायालय के आदेश अनुसार सर्वे करने की मांग की गई. साथ ही एएसआई पर न्यायालय के आदेश की अवहेलना करने का आरोप लगाया. मुस्लिम समुदाय के कार्यवाहक सदर जुल्फिकार पठान ने मीडिया चर्चा की. उन्होंने कहा ”एएसआई उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के आदेश की अवहेलना कर रहा है. न्यायालय ने साफ कहा था की इस मस्जिद का मूल सवरूप परिवर्तन नही होना चाहिए, जबकि एएसआई द्वारा जो सर्वे किया जा रहा है उसमे मस्जिद के अंदर 6 फिट खुदाई हुई है. मस्जिद के दक्षिण तरफ पीछे नीव के पास में 20 फिट खुदाई की हैं. जिससे मस्जिद को और मस्जिद की दीवार को नुकसान होने का खतरा हैं, मुस्लिम समाज इसका विरोध करता हैं. हमारी मांग हैं की सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन का पालन करवाया जाए, अगर ऐसा नहीं होता है मुस्लिम समुदाय आंदोलन करने के लिए बाध्य रहेगा.

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