शेख शकील-
MP News: मध्य प्रदेश से खंडवा में मनमाने तरीके से फीस बढ़ाई जाने के मामले में 9 प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ जिला प्रशासन ने कार्रवाई की है. जांच के बाद खंडवा के 9 प्राइवेट स्कूलों पर एक-एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. वहीं उन्हें निर्देश दिए गए हैं कि 10 फीसदी से ज्यादा बढ़ी हुई फीस पेरेंट्स को वापस लौट आए. यह आदेश जिला प्रशासन ने देर रात जारी किए.
नोटिस जारी करने पर नहीं मिला संतोषजनक जवाब
गौरतलब है कि में सभी स्कूलों से फीस संबंधी जानकारी मांगी गई थी. जिसमें से अधिकतम स्कूलों ने अपनी जानकारी जिला प्रशासन को दे भी दी थी. कुछ निजी स्कूल इसको लेकर को कोताही बरत रहे थे. प्रशासन की शक्ति के बाद जब उन्होंने जानकारी दी. जिसके बाद जिला प्रशासन ने एक टीम बनाकर फीस वृद्धि की जांच की. जांच समिति ने 9 स्कूलों में 10 फीसदी से अधिक फीस वृद्धि पाई. जिला स्तरीय समिति के अनुमोदन पर संबंधित स्कूलों को शोकॉज भी जारी किया गया. लेकिन उनकी तरफ से जवाब संतोषप्रद नहीं मिलने पर यह एक्शन लिया गया.
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इन स्कूलों पर हुई कार्रवाई
जिला प्रशासन ने जिन निजी स्कूलों पर कार्रवाई की है. उनमे पैरामाउंट पब्लिक स्कूल कालमुखी, संत लक्ष्मण चैतन्य एकेडमी नाहल्दा, जनता हाईस्कूल खंडवा, हॉली स्पिरिट कॉन्वेंट स्कूल खंडवा, सेंट जोसफ स्कूल खंडवा, सुंदरबाई गुप्ता स्कूल खंडवा, गायत्री विद्या मंदिर बमनगांव अखई, सोफिया कॉन्वेंट स्कूल खंडवा तथा सेंट जोसफ स्कूल कोटवाड़ा शामिल है. इन सभी को 10 फीसदी बड़ी हुई फीस पालकों को वापस करने के निर्देश भी दिए गए है.
जांच समिति ने पाया- स्कूल फीस में हुई वृद्धि
इस संबंध में खंडवा के जिला शिक्षा अधिकारी पी. एस. सोलंकी ने बताया कि खंडवा के द्वारा इन सभी निजी स्कूलों से फीस वृद्धि की जानकारी मांगी गयी थी. वहीं जानकारी में इन नौ निजी स्कूलों में नियम विरुद्ध 10% से अधिक की फीस वृद्धि पाई गई थी. जिसको लेकर जिला प्रशासन ने एक जांच समिति का गठन किया था. जिसके बाद जांच समिति ने अपनी जांच में पाया था कि इन 9 स्कूलों में नियम विरुद्ध अधिक फीस वृद्धि की गयी है. जिसके बाद इन सभी स्कूलों को नोटिस जारी किए गए थे । यही नहीं, जांच के बाद निजी स्कूलों से उनका जवाब भी मांगा गया था. लेकिन उनके द्वारा दिए गए जवाब से जांच समिति के संतुष्ट ना होने पर उनके खिलाफ इस तरह की बड़ी कार्रवाई की गई है. प्रशासन के इस आदेश से पालक और पालक संघ से जुड़े लोग खुश है और उनका कहना है कि इस तरह की कार्रवाई लगातार की जाना चाहिए जिससे निजी स्कूलों पर लगाम लगाई जा सके जो मनमानी तरीके से फीस वसूलते हैं और फलों को परेशान करते हैं