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MP News: मुरैना में अधिकारियों-कर्मचारियों की मिलीभगत से NGO पर बड़े फर्जीवाड़े का आरोप, जानिए पूरा मामला

A grant of Rs 1.36 lakh was given to an NGO in Morena, yet the operation of Jhula Ghars continued on paper.

मुरैना में NGO को 1.36 लाख रुपए का अनुदान दिया गया फिर भी झूला घरों का संचालन कागजों में चलता रहा.

– मनोज उपाध्याय

MP News: मुरैना जिले में रेत,पत्थर, नकल व मिलावट के बाद एनजीओ माफिया भी सामने आया है. महिला एवं बाल विकास के अधिकारियों व कर्मचारियों की मिली भगत से एनजीओ पर मुरैना बड़े फर्जीवाड़े का आरोप है. यहां पालना (झूला) घरों के बंद होने के बाद भी विभाग की मिली भगत से एनजीओ ने लाखों रुपए का अनुदान डकार लिया. जब महिला बाल विकास को पता चला तो अब अधिकारी ने जांच कराने की बात की.

2019 में झूला घरों के बंद होने के बाद भी किया गया भुगतान

बता दें कि, केन्द्रीय समाज कल्याण विभाग की देखरेख में वर्ष 2015 तक झूला घरों का संचालन किया गया. वर्ष 2016 से 38 झूला घरों का संचालन महिला एवं बाल विकास विभाग के हैंडओवर किया गया. इनमें चार- पांच एनजीओ को छोडकऱ ज्यादातर को भुगतान किया गया. एनजीओ द्वारा संचालित झूला घर वर्ष 2016 से 2019 तक कागजों में संचालित किए गए. उसके बाद भी विभाग ने एनजीओ को लाखों रुपए का अनुदान जारी किया गया. विभाग द्वारा एक झूला घर को साल में 1.36 लाख रुपए का अनुदान दिया गया फिर भी झूला घरों का संचालन कागजों में चलता रहा. शिकायतकर्ता महिला कृष्णा सविता के मुताबिक, इस दौरान अधिकारियों ने निरीक्षण तक नहीं किया इससे स्पष्ट होता है कि विभागीय अधिकारियों की मिली भगत से शासन के रुपयों को खुर्द बुर्द किया गया. लेकिन जब मामला अधिकारियों के संज्ञान में आया तो उनके होश उड़ गए. और अब जांच करा रहे हैं, सूत्रों के मुताबिक, इन झूला घरों के किस एनजीओ को देना हैं,इसमें विभाग की एक महिला कर्मचारी जिसका मुरैना की एनजीओ पर अच्छा खासा होल्ड है, की भूमिका जांच के दायरे में हैं.

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इन NGO ने किया झूलाघरों का संचालन

महात्मा शिक्षा प्रसार समिति द्वारा आठ, वरखंडी शिक्षा प्रसार समिति आठ, जगदंबा शिक्षा समिति चार, सुमन रानी शिक्षा प्रसार समिति चार, बैजंती महिला समाज कल्याण समिति पांच, महिला परिषद चार और अन्य एनजीओ ने एक या दो झूला घरों का संचालन किया,इन झूला घर में बच्चों का लालन-पालन होता था,ऐसे बच्चे जिनके माता- पिता कही जॉब में हैं, मजदूरी करते हैं, अथवा बस्ती के अभावग्रस्त परिवार के बच्चों को झूला घर में रखा जाता था. इन बच्चों के लिए दिन का पौष्टिक भोजन भी एनजीओ देता था.

कहां कितने संचालित हैं झूला घर

सबलगढ़ 11

मुरैना 14

जौरा 06

कैलारस 02

अंबाह 01

पोरसा 04

मुरैना कलेक्टर ने कार्रवाई के निर्देश दिए

मुरैना कलेक्टर अंकित अस्थाना ने महिला बाल विकास के अधिकारियों को इस पूरे प्रकरण की जांच कर दोषियों पर कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं, हालांकि महिला बाल विकास की अधिकारी प्रदीप राय का कहना है कि कुछ एनजीओ खाते में भुगतान कर दिया गया है. लेकिन अभी एक दो का पैसा शासन स्तर पर रुका हुआ है मामला काफी गंभीर है इस पूरे मामले की जांच कर दोषियों पर कार्यवाही कराई जाएगी.

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