Dog Attack in Gwalior: ग्वालियर चंबल अंचल में भीषण गर्मी के दौरान आवारा कुत्तों का आतंक तेजी से बड़ रहा है. इस गर्मी में आवारा कुत्ते आक्रामक हो रहे हैं और चलते राहगीरों को काट रहे हैं. इन आवारा कुत्तों की आतंक से आम लोग अपने घर से भी नहीं निकल पा रहे हैं क्योंकि रोज लगभग एक सैकड़ा से अधिक लोगों को ये आवारा कुत्ते अपना शिकार बना रहे हैं. चिंता की बात यह है कि, इनकी रोकथाम के लिए न तो अभी कोई कारगर व्यवस्था है और न ही इसको लेकर भविष्य की कोई प्लानिंग है.
इस भीषण गर्मी के समय ग्वालियर की सड़कों पर 50 हजार से ज्यादा आवारा कुत्ते घूम रहे है. यह कुत्ते राहगीरों को अपना शिकार बना रहे है. पिछले साल का आंकड़ा भी हैरान करने वाला है. साल 2023 में ग्वालियर में 80 हजार लोग डॉग बाइट के शिकार हुए. यह तो वे आंकड़े है जो एंटी रेबीज लगवाने अस्पताल तक पहुंचे, लेकिन बड़ी संख्या में लोग सिर्फ नीम हकीम के सहारे ही इलाज करते है. उन्हें जोड़ दिया जाए तो आंकड़ा और भी आगे पहुंच जाता है.
नगर निगम के पास रोज पहुंच रही 20-25 शिकायत
इन आवारा कुत्तों की काटने से शहर की हर गली मोहल्ले में इतना आतंक है कि लोग जब घर से बाहर निकल रहे हैं तो वह अपने साथ लाठी और डंडे का सहारा ले रहे हैं. शाम होते ही घर से बच्चे और बुजुर्गों ने निकलना बंद कर दिया है. इन स्ट्रीट डॉग को पकड़ने की जिम्मेदारी नगर निगम की है. नगर निगम के पास रोजाना 20 से 25 आवारा कुत्तों की आतंक की शिकायतें पहुंच रही है लेकिन इसके बावजूद वह सिर्फ आश्वासन के जरिए लोगों को गुमराह कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि आए दिन गली मोहल्ले में कुत्तों का आतंक तेजी से बढ़ रहा है, सबसे ज्यादा यह आवारा कुत्ते कोचिंग और स्कूल जाने वाले छात्र-छात्राओं को अपना सरकार बना रहे हैं साथ ही राहगीरों को भी नहीं छोड़ रहे हैं.
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आवारा कुत्तों के हिंसक होने का बड़ा कारण भूख
वहीं ग्वालियर में भर्ती आवारा कुत्तों के आतंक को लेकर एनिमल विशेषज्ञ डॉक्टर अशोक मिश्रा का कहना है कि, गली-मोहल्लों में घूमने वाले आवारा कुत्ते के हिंसक होने का सबसे बड़ा कारण भूख है. कुत्ता यदि भूखा है, तो वह चिढ़चिढ़ा होकर हिंसक हो जाता है. इसके साथ उनका कहना है कि इस समय भीषण गर्मी के दौरान उन्हें सबसे अधिक गर्मी लगती है. यही कारण है कि वह चलते हुई लोगों को काट लेते हैं.
रोजाना 100 लोग डॉग बाइट का हो रहे शिकार
इस पूरे मामले में ग्वालियर जीआरएमसी मेडिकल कॉलेज के डीन आरकेएस धाकड़ का कहना है कि, जिले में डॉग बाइट के मामलों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. आमतौर पर रोजाना करीबन 100 से अधिक लोग डॉग बाइट का शिकार होते हैं लेकिन यह सख्या लगातार बड़ रही है इसलिए नगर निगम को सोचना चाहिए कि इस पर कैसे कंट्रोल किया जाए और इसके लिए उन्हें प्रयास करना चाहिए.