MP News: इंदौर में परम पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज साहब के परम शिष्य मुनि विनम्र सागर जी का संसंघ इंदौर की धरा पर मंगल प्रवेश उदयनगर से जुलूस के रूप में हुआ. जुलूस में 50 से अधिक फौजी जो जैन नही थे, मुनि संघ को घेराबंदी कर ऐसे चल रहे थे मानो मुनिराज को किसी से कोई खतरा हो. विशेष बात यह थी कि विनम्र सागर जी के मंगल प्रवेश में दूर दूर से मुनि के दर्शन को आए मुट्ठी भर लोगो को भी कड़े बर्ताव का सामना करना पड़ा. आयोजको के आदेश पर घेरा बना कर चल रहे फौजी घेरे में किसी को भी घुसने नही दे रहे थे बल्कि उल्टा धक्के देकर बाहर कर रहे थे.
संतो को वीआईपी बनाने की गलत परम्परा बंद हो
सामाजिक संसद के प्रवक्ता मनीष अजमेरा ने इस बात पर कड़ी आपत्ति लेते हुए आयोजको से कहा की संतो को वीआईपी बनाने की गलत परम्परा बंद कर दो, समाज को गलत दिशा में ले जाना बंद कर दो. अजमेरा ने सवाल किया कि आखिर महाराज को किससे खतरा है जो उनकी सुरक्षा में 50 से अधिक सुरक्षाकर्मियों को लगाया गया है. दूर दूर से संतो के दर्शन और आशीर्वाद लेने आने वाले समाज जनों, भक्तो को रोके जाना और धक्के देकर अपमानित करने का खेल बंद करो.
वरिष्ठ पदाधिकारी ने मांगी क्षमा
इस पर चातुर्मास समिति के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने क्षमा मांगते हुए गलती स्वीकार करते हुए कहा की इस व्यवस्था को ले कर उन्हे भी उचित नही लगा है. मुनि प्रमाण सागर जी महाराज के मंगल आगवानी में ऐसी व्यवस्था नहीं दोहराई जाएगी. इसके बाद दयोदय ट्रस्ट के एक अन्य वरिष्ठ सदस्य मुनि श्री से मिलवाने के लिए अजमेरा को लेकर घेरे में पहुंचे. जहां अजमेरा ने मुनिश्री के समक्ष भी इस व्यवस्था पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए मुनि श्री से कहा की समाज जन और मुनि भक्त आपके दर्शन और आशीर्वाद के लिए आ रहे है, उन्हें रोकना और धक्के देना कहा तक उचित है..? आखिर आपको किससे खतरा है…? इस पर मुनि श्री ने मुस्कराते हुए कहा कि मैं सबसे मिलूंगा, मैं यहां सबसे मिलने ही आया हूं। 17 के बाद एक जगह सबसे मिलूंगा.