MP News: मध्य प्रदेश में 65 भील आदिवासियों के डिमांड ड्राफ्ट में गड़बड़ी कर सरकार को लाखों रुपए का चूना लगाने वाले असिस्टेंट इंजीनियर के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने मामला दर्ज कर लिया है. दरअसल, सहायक यंत्री रामपुर विद्युत क्षेत्र मनासा नीमच में पदस्थ रहते हुए केसी कामरिया ने एक करोड़ 80 लाख रुपए की डिमांड विड्रा कर लाखों रुपए का गबन किया था. जांच के दौरान ईओडब्ल्यू ने पाया कि 65 मामलों में 13 लाख 95 हजार रुपए की गलत डिमांड राशि विड्रा किए जाने के मामले में दोषी पाया है.
विद्युत कंपनी की तरफ से शिकायत की गई की तत्कालीन कैसी कामरिया साल 2011 से लेकर 2013 के बीच में रामपुर वितरण केंद्र पर पदस्थित रहे. साल 2012 में कृषि और घरेलू श्रेणी के बगैर राशि वसूलने के संबंध में जारी निर्देश दिया गया था जिसमें बकाया राशि वसूली के संबंध में 933 उपभोक्ताओं ने डिमांड ड्राफ्ट जमा किया. तत्कालीन अधिकारी कामरिया ने गबन करते हुए 65 भील के डिमांड ड्राफ्ट को बैंक से कैश कर लिया. विद्युत कंपनी ने गड़बड़ी पकड़ी और साल 2017 में मुख्य अभियंता ने शिकायत दर्ज कराई. जिसमें उन्होंने बताया गया 932 में से 500 प्रकरण की जांच की गई है. जिसमें से 65 प्रकरण में अनियमित पाई गई है. आर्थिक अपराध की जांच करते हुए 6 साल के बाद आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ने मामला दर्ज किया है.
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ऑडिट में पकड़ी गई अधिकारी की करतूत
विद्युत विभाग के अधिकारियों ने बताया कि करोड़ों रुपए वसूलने के मामले में नोटिस जारी करने के साथ अधिकारियों के जिम्मेदारी तय की गई थी और जिसे वसूली होनी थी उनके डिमांड ड्राफ्ट बैंक में जमा कराए जाने थे. लोगों ने विद्युत कंपनी के नोटिस के बाद एक करोड़ 80 लाख रुपए जमा कराए. जिसमें से अधिकारी ने विद्युत कंपनी के बिल वाउचर के साथ छेड़छाड़ करते हुए डिमांड ड्राफ्ट को भी बैंक में भेज दिया और कंपनी के बजाय खुद के खाते में रकम ट्रांसफर कर ली. कंपनी ने ऑडिट कर अधिकारी की करतूत को पकड़ लिया. इसके बाद इकोनॉमिकल ऑफेंस विंग में शिकायत कर दी.