MP News: उज्जैन को मंदिरों के शहर के नाम से भी जाना जाता है. वैसे तो इस शहर को बाबा महाकाल की नगरी के नाम से जाना जाता है. इसके अलावा यहां कई मंदिर हैं. उनमें से एक मंदिर है दशभुजानाथ गणपति मंदिर. इस मंदिर से कई रोचक बातें जुड़ी हुई हैं. आइए जानते हैं इस मंदिर के बारे में विस्तार से…
दुनिया का पहला गणेश मंदिर जो शमशान में है
इस मंदिर को चक्रतीर्थ गणेश मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. उज्जैन की जीवनदायिनी शिप्रा जो शहर की सीमा बनाती है. इसी नदी किनारे स्थित है चक्रतीर्थ शमशान. इसी शमशान में स्थित है दस भुजानाथ गणपति मंदिर. चक्रतीर्थ शमशान में स्थित होने के कारण इसे चक्रतीर्थ गणेश के नाम से जाना जाता है. इस मंदिर के बारे में कई सारी मान्यता हैं और इसे कई रूपों में लोग पूजते हैं. ये संभवत: दुनिया का एकमात्र गणेश मंदिर है जो शमशान में स्थित है.
एक हाथ में देवी संतोषी हैं विराजमान
इस मंदिर में स्थित भगवान गणेश की मूर्ति की बात करें तो ये अनोखी है. ये दुर्लभ मूर्ति अपने आप में खास है. जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि भगवान गणेश की 10 भुजाएं हैं. 100 दलों वाले कमल पर विराजमान भगवान गणेश की मूर्ति जिनके एक हाथ में मां संतोषी विराजमान हैं. हिंदू शास्त्रों में देवी संतोषी को भगवान गणेश की पुत्री माना जाता है.
पांच बुधवार आने से पूरी होती है मनोकामना
श्रद्धालु भगवान गणेश की पूजा करने के साथ-साथ यहां मन्नत मांगने भी आते हैं. ऐसा कहा जाता है कि लगातार 5 बुधवार भगवान गणेश के दर्शन करने और विधि-विधान से पूजा करने से मन्नत पूरी होती है. श्रद्धालु यहां मन्नत के धागे बांधने आते हैं. जब मन्नत पूरी हो जाती है तो मन्नत के धागे खोल देते हैं. इसके अलावा श्रद्धालु मन्नत मांगने के लिए उल्टा स्वास्तिक बनाते हैं. जब मन्नत पूरी हो जाती है तो सीधा स्वास्तिक बनाते हैं.
स्कंदपुराण के अवंतिका खंड में मिलता है जिक्र
ये मंदिर हजारों साल पुराना है. इसका प्रमाण हमें स्कंदपुराण के अवंतिका खंड में मिलता है. अवंतिका खंड में उज्जैन के अनेक मंदिरों का जिक्र मिलता है जिसमें एक चक्रतीर्थ मंदिर भी है. वैसे तो चक्रतीर्थ को भगवान शिव से जोड़कर देखा जाता है लेकिन चक्रतीर्थ शमशान में दशभुजानाथ गणपति मंदिर मिलता है.
गणेश उत्सव में होता है विशेष श्रृंगार
गणेश चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक विशेष आयोजन किए जाते हैं. दस दिनों तक भगवान गणेश का विशेष श्रृंगार किया जाता है. दस दिनों तक अलग-अलग रंगों के वस्त्र पहनाए जाते हैं. रुपये-पैसे तो श्रद्धालु चढ़ाते हैं. इसके अलावा नोटों से बनी माला भगवान गणेश को पहनाई जाती है.
देश-विदेश से भी आते हैं श्रद्धालु
चक्रतीर्थ भगवान गणेश के दर्शन करने प्रदेश के साथ-साथ देश-दुनिया से श्रद्धालु आते हैं. गणेश उत्सव के अलावा यहां तिल चतुर्थी पर विशेष आयोजन किया जाता है.