MP News: राजधानी भोपाल में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया. कोलार थाने के अंतर्गत एक पिता ने ही अपने बच्चे की बीमारी से परेशान होकर गला घोटकर हत्या कर दी. इस मामले के बाद विस्तार न्यूज़ ने बच्चे की मां से बातचीत की बच्चे की मां ने बताया कि हम आर्थिक तंगी से परेशान थे हमारे पास पैसे नहीं थे और बच्चा कई सालों डाउन सिंड्रोम नामक बीमारी से पीड़ित था उसके इलाज में लगातार पैसे लग रहे थे लेकिन फिर भी वह ठीक नहीं हो रहा था.
मां बोली- विश्वास नहीं हो रहा कि पिता ने ही बेटे को मार दिया
बच्चे की मां सपना खिरवरकर ने पूरी घटना के बारे में विस्तार न्यूज से बात की. उसने कहा कि कोविड के दरमियान इसके पिता की नौकरी चली गई फिर हमने अपना घर भी बेच दिया. हम किराए के मकान में रहने लगे बच्चों के इलाज में इतना पैसा खर्च हो गया कि हम लगातार लोन लेते गए. और फिर लोन चुकाने के लिए भी लोन लेते गए ऐसा करते-करते हमारे ऊपर 6 से 7 लाख रुपए तक का कर्जा हो गया लेकिन हमने कभी नहीं सोचा था. कि बच्चे के पिता अपने ही बेटे की हत्या कर देंगे क्योंकि वह आरव को बहुत मानते थे. कभी मैं आरव को मारती भी तो वह मुझ पर गुस्सा करने लगते इसके साथ ही उसने कहा कि जिस दिन यह पूरा मामला हुआ उस दिन उसके पिता नौकरी में जाने वाले थे. वह पास में गार्ड की नौकरी करते हैं ₹10000 की नौकरी है. इसी से हमारा खर्चा चलता है.
बच्चे की मां ने आगे बताया कि जिस वक्त यह वारदात हुई उस वक्त मैं छत में कपड़ा सुखाने के लिए गई थी. जब छत से में वापस आई तो मैंने देखा कि आरव जमीन पर भी बेहोश पड़ा है. जैसे ही मैं आरव को देखा तो पड़ोसियों की मदद से उसे जेके हॉस्पिटल लेकर गई जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. उसके बाद जब मैं घर आई तो देखा कि मेरे पति पुलिस के साथ घर की तरफ आ रहे थे.
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तब मामले की जानकारी मिली थी बच्चे की हत्या खुद उसके पिता अमिताभ ने की है. अमिताभ ने हत्या करने के बाद खुद कोलार थाने जाकर सरेंडर कर दिया बच्चे की मां ने कहा की हालत ऐसी हो गई थी कभी-कभी हमें लगता कि हम खुद सुसाइड कर ले. आगे सपना ने बताया कि बच्चे की मां ने कहा कि हमारी 2007 में शादी हुई थी और 7 साल बाद 2015 में आरव का जन्म हुआ था हमारे पास केवल एक ही बच्चा आरव था.
मनोचिकित्सक बोले- पिता की मानसिक स्थिति की जांच होनी चाहिए
इस पूरे मामले को लेकर मनोचिकित्सक सत्यकांत त्रिवेदी ने कहा कि डाउन सिंड्रोम ऐसी बीमारी है जो पूरी तरीके से नहीं पर कभी-कभी धीरे-धीरे ठीक भी हो सकती है यह बीमारी जेनेटिक होती है और कई हारमोंस ऐसे होते हैं जिसके कारण यह बीमारी बच्चों में जन्म के साथ ही हो जाती है इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर कोई पिता अपने बच्चे की हत्या करता है तो कहीं ना कहीं उसकी मानसिक स्थिति के भी जांच होनी चाहिए क्योंकि आप समझ सकते हैं कि उसकी मानसिक स्थिति कैसी रही होगी कि उसने इतनी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए ऐसा कदम उठाया और बच्चे की ही हत्या कर दी.
दरअसल, जैसे ही पुलिस को बच्चे की हत्या के बारे में पता चला. कि वैसे ही पुलिस ने पूरे मामले की जांच की और अपराधी पिता को हिरासत में लेकर हत्या का मामला दर्ज कर लिया. इसके साथ ही पुलिस का कहना है कि अभी अपराधी पिता से लगातार पूछताछ की जा रही है. यह जानने की कोशिश की जा रही है की हत्या की वजह आर्थिक तंगी ही थी या कुछ और थी.