MP News: एमजीएम मेडिकल कॉलेज की एक महिला प्रोफेसर द्वारा जूनियर डॉक्टर पर बैड टच का आरोप लगाने के बाद बवाल मच गया, जिस जूनियर डॉक्टर पर आरोप लगा है, वह 2 पन्ने का पत्र लिखकर लापता हो गया. इस घटना के विरोध में जूनियर डॉक्टर्स ने महिला प्रोफेसर को निलंबित करने की मांग को लेकर एमवाय अस्पताल में जमकर हंगामा किया. इसके बाद एमजीएम के प्रोफेसर्स और जूनियर डॉक्टर्स एक दूसरे के आमने सामने हो गए. दरअसल शुक्रवार को पीजी फर्स्ट ईयर के जूनियर डॉक्टर हेमंत गिरवाल 2 पन्ने का लेटर छोड़कर अपना मोबाइल बंद कर कही चले गए. उनका लेटर मिलने के बाद हंगामा मच गया. उनके साथियों ने आरोप लगाया है कि एमजीएम कॉलेज की महिला प्रोफेसर द्वारा डॉ हेमंत पर बैड टच का झूठा आरोप लगाया गया है. इसका माफीनामा भी उनसे लिखवाया गया है और उन्हें सेवाओं से बर्खास्त कर दिया गया है. इसको लेकर शनिवार को जूनियर डॉक्टर्स ने एमवाय अस्पताल में जमकर हंगामा किया.
हंगामा करते हुए जूनियर डॉक्टर्स ऑपरेशन थिएटर के बाहर पहुंच गए और धरना दे दिया, जहा से एमजीएम के प्रोफेसर्स ने उन्हें धक्का मारकर बाहर निकाल दिया. इसके बाद जूनियर डॉक्टर्स और प्रोफेसर्स डीन ऑफिस पहुंचे, जहा दोनो पक्षों के बीच सुलह करने का प्रयास किया गया. एमजीएम के डीन डॉ संजय दीक्षित के मुताबिक घटना की जांच की जा रही है, उसके बाद कार्रवाई की जाएगी.
एमवाय अस्पताल में जूनियर डॉक्टर्स के हंगामे के बाद वहा पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया. संयोगितागंज थाना प्रभारी सतीश पटेल.ने बताया कि डॉ हेमंत गिरवल के लापता होने के बाद उनकी गुमशुदगी संयोगितागंज थाने में दर्ज करवाई गई है. पुलिस अपने स्तर पर उनकी तलाश में जुटी है.
जूनियर डॉक्टर्स का आरोप है कि प्रोफेसर्स ने उनका करियर खराब करने की धमकी देते हुए शांत रहने का दबाव बना रहे हैं. वहीं जूनियर डॉक्टर महिला प्रोफेसर को बैड टच करने से इंकार कर रहे है, वही प्रोफेसर्स का कहना है कि बैड टच हुआ या नहीं इसका फैसला प्रोफेसर करेगी जूनियर डॉक्टर्स नही. लेकिन यह तय है कि यह मामला जल्द शांत होता नजर नहीं आ रहा है.
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