MP News: वन विभाग में खर्च से जुड़ी एक गाइडलाइन पर अपर मुख्य सचिव जेएन कंसोटिया ने 31 जुलाई तक रोक लगवा दी है. गाइडलाइन के अनुसार, 2 लाख या उससे ज्यादा के काम टेंडर से कराने के निर्देश थे. गाइडलाइन 27 मार्च को जारी की थी. आचार संहिता के कारण टेंडर प्रक्रिया नहीं हुई. इस तरह जिलों में पौधे लगाने, वनों की छंटाई करने, फेसिंग समेत तमाम काम प्रभावित हुए.
गाइडलाइन से पहले सीसीएफ, डीएफओ को खुद के स्तर पर काम कराने की छूट थी. पुरानी गाइडलाइन के अनुसार ही 31 जुलाई तक काम किए जाए, उसके बाद के काम 19 अगस्त 2023 और 27 मार्च 2024 को जारी गाइडलाइन व नियमों के तहत कराए जाएं. ज्ञात रहे कि पौधे लगाने के लिए मुख्य काम गड्ढे खुदवाने, खाद-मिट्टी खरीदने, पौधों के ऑर्डर समेत कई काम करने होते हैं जो कि गर्मी में ही किए जाते हैं. तब कहीं बारिश में पौधे लगाने की स्थिति बन पाती है.प्रदेश में पौधरोपण की तैयारी विशेषज्ञों के मुताबिक पौधे लगाने का काम पिछड़ गया है. अब उक्त के लिए गर्मी में गड्ढे खुद जाने चाहिए, ताकि पर्याप्त धूप लग सके अब ऐसी स्थिति नहीं बची है. एक तरह से प्रदेश में पौधे लगाने का काम पिछड़ता दिखाई दे रहा है.
पौधारोपण में हुए सबसे ज्यादा घोटाले
मध्य प्रदेश में पौधारोपण के नाम पर जमकर घोटाला हो चुका है. कई सालों पहले 5 करोड़ से अधिक पौधे लगाने का लक्ष्य पूरा नहीं हुआ. इसके एवज में करोड़ों रुपए खर्च हो गए. बाद में जानकारी लगी कि कागजों में ही पौधारोपण किया गया. इसके बाद सरकार ने हाई लेवल कमेटी बनाई लेकिन जांच भी अधूरी पड़ी हुई है घोटाले के बाद नई गाइडलाइन बनाते हुए अफसरों को निर्देश दिए. रिटायरमेंट से पहले एपीसीसीएफ एबी गुप्ता भी पौधारोपण घोटाले के मामले में संदेह की घेरे में आ चुके हैं. इसके अलावा कई अधिकारी के खिलाफ जांच भी चल रही है.